
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग- कबीर साहेब ने इस साखी में वर्णन किया है की अच्छा हुआ जो साधक सांसारिकता से छुट गया. इससे वह वर्तमान दसा, अवस्था को भूल गया है. जैसे बर्फ गलकर पानी में मिल जाती है ऐसे ही आत्मा परमात्मा में लीन हो गई है. सुरती और निरति का बोध होने पर आत्मा परमात्मा में लीन हो जाती है. दृष्टांत और रुप्कातिश्योक्ति अलंकार की व्यंजना हुई है. दुसरे अर्थों में इसका अर्थ यह लगाता है अच्छा हुआ जो की यम का भय मुझे सताने लगा है और परिणामस्वरूप साधक छहों दशाओं से मुक्त हो गया है।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |