आयी ग्यारस की पावन रात मोर सा मन म्हारा डोले
आयी ग्यारस की पावन रात मोर सा मन म्हारा डोले
आयी ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
देखो सीने पे रखकर हाथ
नाम थारा धड़कन बोले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
होंठों पे मुरली मुरली में जादू
जादू सा हर इक तराना
जिसने सुना ये तेरा तराना
वो दिल हुआ दीवाना
बड़ी प्यारी लगे थारी बात
मने माहि अमृत घोले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
लंबी कतारे तुझको पुकारे
आऊं किनारे किनारे
बेचैनी तब तक रहती है जब तक
दर्शन करूं ना तुम्हारे
दीनन का थे दीनानाथ
द्वार किस्मत के खोले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
हम पर भी वारो प्रभु प्रेम थारो
बिगड़ी हमारी संवारो
करुणाकर करुणा के हो सागर
करुणा से हमको निहारो
चाहे दिन हो या चाहे रात
भगत थारा चरण टटोले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
तुमसे दयालु और ना कृपालु
जिस पर रहे तेरी छाया
उसको ना छूती माया कभी भी
शानू जो आशीष पाया
बेधड़क बुलावे तने आज
आजा प्रभु होले होले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
आयी ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
देखो सीने पे रखकर हाथ
नाम थारा धड़कन बोले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
मोर सा मन म्हारा डोले रे
देखो सीने पे रखकर हाथ
नाम थारा धड़कन बोले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
होंठों पे मुरली मुरली में जादू
जादू सा हर इक तराना
जिसने सुना ये तेरा तराना
वो दिल हुआ दीवाना
बड़ी प्यारी लगे थारी बात
मने माहि अमृत घोले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
लंबी कतारे तुझको पुकारे
आऊं किनारे किनारे
बेचैनी तब तक रहती है जब तक
दर्शन करूं ना तुम्हारे
दीनन का थे दीनानाथ
द्वार किस्मत के खोले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
हम पर भी वारो प्रभु प्रेम थारो
बिगड़ी हमारी संवारो
करुणाकर करुणा के हो सागर
करुणा से हमको निहारो
चाहे दिन हो या चाहे रात
भगत थारा चरण टटोले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
तुमसे दयालु और ना कृपालु
जिस पर रहे तेरी छाया
उसको ना छूती माया कभी भी
शानू जो आशीष पाया
बेधड़क बुलावे तने आज
आजा प्रभु होले होले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
आयी ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
देखो सीने पे रखकर हाथ
नाम थारा धड़कन बोले रे
आई ग्यारस की पावन रात
मोर सा मन म्हारा डोले रे
जो भक्त ग्यारस की रात को पावन मानते है व ये भजन जरूर सुने ~ Aae Gyaras Ki Paawan Raat ~ Kumar Shanu
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Author - Saroj Jangir
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