सावन की ऋतू झूलों की बहार है, रिमझिम रिमझिम पड़ने लगी फुहार है, सावन की ऋतू झूलों की बहार है, रिमझिम रिमझिम पड़ने लगी बहार है।
वृन्दावन की कुंजे सज गई, बरसाने में पता ये चल गई, बरसाने में पता ये चल गई, नन्द गाँव से आए, नन्द कुमार हैं, रिमझिम रिमझिम पड़ने लगी फुहार है, सावन की ऋतू झूलों की बहार है, रिमझिम रिमझिम पड़ने लगी बहार है।
राधा संग विशाखा आई, संग में सखी सहेली आई, संग में सखी सहेली आई, करके आई ये सोलह, श्रृंगार है, रिमझिम रिमझिम पड़ने लगी फुहार है, सावन की ऋतू झूलों की बहार है, रिमझिम रिमझिम पड़ने लगी बहार है।
वृक्ष कदम्ब पे झूला डाले, श्याम जू को लग्यो है प्यारो, श्याम जू को लग्यो है प्यारो, हौले झोटा देवे, नन्द कुमार है, रिमझिम रिमझिम पड़ने लगी फुहार है, सावन की ऋतू झूलों की बहार है, रिमझिम रिमझिम पड़ने लगी बहार है।
तनुज के मन को भावे सावन, प्रेम सुधा सुख रस सा पावन, प्रेम सुधा सुख रस सा पावन, कृष्ण पल्लवी को भी इनसे प्यार है, रिमझिम रिमझिम पड़ने लगी फुहार है, सावन की ऋतू झूलों की बहार है, रिमझिम रिमझिम पड़ने लगी बहार है।
सावन की ऋतू झूलों की बहार है | वृन्दावन की कुंजे सज गयी | Sawan Ki Ritu | Krishna Pallavi Das
Saavan Ki Rtu Jhulon Ki Bahaar Hai, Rimajhim Rimajhim Padane Lagi Phuhaar Hai, Saavan Ki Rtu Jhulon Ki Bahaar Hai, Rimajhim Rimajhim Padane Lagi Bahaar Hai.
Vrindavan Ki Kunje Saj Gai, Barasaane Mein Pata Ye Chal Gai, Barasaane Mein Pata Ye Chal Gai, Nand Gaanv Se Aae, Nand Kumaar Hain, Rimajhim Rimajhim Padane Lagi Phuhaar Hai, Saavan Ki Rtu Jhulon Ki Bahaar Hai, Rimajhim Rimajhim Padane Lagi Bahaar Hai.