कबीरा मारिग कठिन है हिंदी मीनिंग Kabira Marig Kathin Hai Meaning Kabir Dohe

कबीरा मारिग कठिन है हिंदी मीनिंग Kabira Marig Kathin Hai Meaning Kabir Dohe, Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit (Hindi Meaning/Hindi Bhavarth)

कबीरा मारिग कठिन है, कोइ न सकई जाइ।
गए ते बहुडे़ नहीं, कुसल कहै को आइ॥
Kabira Marig Kathin Hai, Koi Na Sakai Jaai,
Gaye Te Bahude Nahi, Kusal Kahe Ko Aai.

कबीरा मारिग कठिन है, भक्ति मार्ग दुर्गम है.
मारिग : मार्ग, राह.
कोइ न सकई जाइ-कोई नहीं जा सकता है।
गए ते बहुडे़ नहीं : जो गए थे वे लौटकर ही नहीं आए.
बहुडे़ : वापस नहीं आये, लौटकर नहीं आए.
गए ते : जो पंहुच गए, चले गए.
कुसल कहै को आइ : तो समाचार कैसे मिलें, कुशल क्षेम का कैसे पता चले।

कबीर साहेब की वाणी है की इश्वर को कैसे चित्रित किया जाए, कैसे कहा जाए की इश्वर कैसा दीखता है, उसका स्वरुप कैसा है. यह तो व्यक्ति सांसारिक क्रियाओं से ही उसका चित्रन करना चाहता है. अतः भक्ति का मार्ग तो अत्यंत ही कठिन और विरल है. जहाँ पर कोई भी पंहुच नहीं सकता है. ऐसी स्थिति में वहाँ की कुशल क्षेम कैसे बताया जा सकता है. कबीर साहेब की वाणी है की भक्ति मार्ग
विकट है, जिसका अनुमान के आधार पर वर्णन नहीं किया जा सकता है. व्यक्ति अपने अनुमान के आधार पर उसका चित्रन करता है लेकिन सांसारिक और भौतिक वहां पर कुछ भी नहीं होता है.

एक टिप्पणी भेजें