माया दासी संत की ऊँभी देइ असीस मीनिंग Maya Dasi Sant Ki Hindi Meaning Kabir Dohe

माया दासी संत की ऊँभी देइ असीस मीनिंग Maya Dasi Sant Ki Hindi Meaning Kabir Dohe, Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.

माया दासी संत की, ऊँभी देइ असीस।
बिलसी अरु लातौं छड़ी सुमरि सुमरि जगदीस॥
Maya Daasi Sant Ki, Ubhi Dei Asees,
Bilasi Aru Lato Chhadi Sumari Sumari Jagdish.

माया दासी संत की : संत और साधुजन की माया तो दासी है, माया संतजन के अधीन है.
ऊँभी देइ असीस : खड़ी होकर आशीष देती है.
ऊँभी : खड़े खड़े.
देइ : देती है.
असीस : आशीष, शुभकामना.
बिलसी अरु लातौं छड़ी :
कार्य में लेकर छोड़ देते हैं, लात मारकर भगा देते हैं.
बिलसी : उपयोग में करके.
अरु : और.
लातौं छड़ी : छोड़ दी है, त्याग कर दिया है.
सुमरि सुमरि : सुमर सुमिरण करके.
जगदीस : जगदीश, इश्वर.

संतजन और साधुजन की दासी होती है माया, वह संतों का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है और खड़ी होकर आशीष देती है. संतजन हरी के नाम का सुमिरण करते हैं और माया को लात मारते हैं, माया का त्याग करते हैं. माया का त्याग करने पर यह माया स्वंय ही आशीर्वाद देने लगती है. माया को त्याग कर छोड़ देने पर इश्वर की भक्ति स्वतः ही प्राप्त हो जाती है. लातों और छड़ी से माया  का त्याग कर देना चाहिए. स्पष्ट है की माया के पीछे भागने पर माया कभी हाथ नहीं लगती है और संतजन माया का जब त्याग कर देते हैं तो स्वतः ही माया उनके पास आने लगती है. 
Maya (माया) is the maidservant of saints and Sadhu, Maya cannot harm the saints but blesses them by standing up. Saints chant the name of Hari (God) and kick Maya, giving up Maya. On giving up Maya, this Maya itself starts giving blessings to Sadhus. By giving up Maya, devotion to God is automatically attained. Maya should be renounced with kicks and sticks. It is clear that Maya never touches after running after Maya and when saints give up Maya, automatically Maya starts blessing to them.
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