कबीर सोई सूरिमा मन सूं मांडै झूझ मीनिंग

कबीर सोई सूरिमा मन सूं मांडै झूझ मीनिंग Kabir Soi Surima Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

कबीर सोई सूरिमा, मन सूं मांडै झूझ।
पंच पयादा पाड़ि ले, दूरि करै सब दूज॥
 
Kabir Soi Surama Man Su Mande Jhujh,
Panch Payada Padi Le, Duri Kare Sab Dooj.
 
कबीर सोई सूरिमा मन सूं मांडै झूझ मीनिंग Kabir Soi Surima Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर साहेब के इस दोहे का भावार्थ है की सच्चा सूरमा वह है, जो अपने वैरी मन से युद्ध ठान लेता है, और वह अपने मन को अपना शत्रु मान कर उससे युद्ध करता है। पाँचों पयादों को जो मार भगाता है, और द्वैत को दूर कर देता कर लेता है और पाँच पयादे, अर्थात काम, क्रोध, लोभ, मोह और मत्सर आदि। द्वैत अर्थात् जीव और ब्रह्म के बीच अंतर है। आशय है की जीव को द्वेत भाव को छोड़ कर इश्वर की भक्ति करनी चाहिए.
 
The Meaning  of this couplet by Kabir Sahib is that a true warrior is one who decides to fight with his own inner enemies, considering his mind as his adversary, and engages in battle with it. He conquers and drives away the five adversaries, which symbolize desires such as lust, anger, greed, attachment, and jealousy. "Dvaita" here refers to the sense of duality, the perception of a distinction between the individual self (jiva) and the Divine (Brahman).

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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