तेरे चरणों में शीश मैं झुकाऊँ, तेरे ही गुण गाऊँ, ओ माता मेरी लाज रख ले, लाज रख ले, और किसके द्वारे पे मैं जाऊँ, मैया जी मेरी लाज रख ले ओ माँ।
मिलता नहीं जो कहीं, सारे संसार में, मिलता है वो तेरे, सच्चे दरबार में, तेरे भरे हैं भंडारे शेरोवाली, तू जग से निराली, है पूजे संसार तुझको, संसार तुझको मैया, ऊंचे ओ पहाड़ों वाली है पूजे संसार तुझको मेरी माँ।।
तेरी ज्योत का है, उजियारा कण कण में, तू ही करे दूर अंधियारा, एक क्षण में, बुझे दिलों को तू, रोशन करे हैं, जो दुःखों से भरे हैं, माँ उनको तू देती है खुशी, देती है खुशी जोतवालिये, तू झोलियां भरे है मेरी माँ।।
आया लेके आस मैया, मैं भी तेरे द्वार पे, बालक नादान पे तू, कर उपकार दे, मुख बालकों से, कभी ना माँ मोड़े, ना वादा कभी तोड़े, माँ करती है प्यार सबको, प्यार सबक कभी बीच, मझधार में ना छोड़े, माँ करती है प्यार सबको मेरी माँ।
करूँ मैं आराधना, सवेरे शाम तेरी माँ, हो के तू दयाल, बेड़ी पार कर मेरी माँ, तेरे द्वार से, जाऊंगा ना मैं खाली, ओ मेहरोवाली, माँ सुन ले तू मेरी विनती, मेरी विनती खड़ा दर पर, है लख्खा ये सवाली, माँ सुन ले तू मेरी विनती ओ माँ।
तेरे चरणों में शीश मैं झुकाऊँ, तेरे ही गुण गाऊँ, ओ माता मेरी लाज रख ले, लाज रख ले, और किसके द्वारे पे मैं जाऊँ, मैया जी मेरी लाज रख ले ओ माँ।