काजल केरी कोठरी मसि के कर्म कपाट

काजल केरी कोठरी मसि के कर्म कपाट मीनिंग

काजल केरी कोठरी, मसि के कर्म कपाट।
पांहनि बोई पृथमी, पंडित पाड़ी बाट॥

Kajal Keri Kothri Masi Ke Karam Kapaat.
Pahani Boi Prathmi, Pandit Padi Baat.
 
काजल केरी कोठरी मसि के कर्म कपाट मीनिंग Kajal Keri Kothari Meaning Kabir Dohe
 
काजल केरी कोठरी : काजल की कोठरी.
मसि के कर्म कपाट : स्याही का, कालिमा युक्त/काले उसके कपाट हैं, दरवाजे हैं.
पांहनि बोई पृथमी : प्रथ्वी पर उसने पत्थर से बो रखा है, पत्थर की मूर्तियाँ चारों तरफ बो रखी हैं.
पंडित पाड़ी बाट: पंडितों ने लूटपाट करके इस राह को और अधिक खराब कर दिया है.
काजल केरी : काजल की.
कोठरी : कमरा, छोटा कमरा.
मसि : काली स्याही.
कपाट : दरवाजे.
पांहनि : पत्थर.
बोई : बो दिया है, जैसे खेत में बीज को बोते हैं.
पृथमी : प्रथ्वी पर.
पंडित : पूजा पाठ करने वाले.
पाड़ी बाट : राह को खराब कर दिया है.
कबीर साहेब की वाणी है की यह संसार एक तरह से काजल की कोठरी है जिसमें काली स्याही के कपाट लगे हैं. कर्म कोठरी से आशय बुरे कर्मों से है. इस संसार में बुरे कर्मों बच पाना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि यह काजल की कोठरी के समान है जहाँ पर यतन पूर्वक रहने के उपरान्त भी व्यक्ति को कोई ना कोई दाग अवश्य ही लग जाता है.
चारों तरफ मूर्तियों को बो दिया गया है, स्थापित कर दिया गया है. पंडितों ने इस मार्ग को और भी अधिक विकट बना दिया है.
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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