पाँहिन कु का पूजिए मीनिंग
पाँहिन कु का पूजिए, जे जनम न देई जाब।
आँधा नर आसामुषी, यौंही खोवै आब॥
Pahin Phunka Pujiye, Je Janam Na Jehi Jaab,
Aandha nar Aasamukhi, Yohi Khove Aab.
पाँहिन कुं का पूजिए : पत्थर को क्यों पूजा जाए.जे जनम न देई जाब : जो जनम भर में जवाब नहीं देता. आँधा नर आसामुषी : अंधे व्यक्ति आशावान हो चुके हैं.यौंही खोवै आब : योंही प्रतिष्ठा को गंवा रहे हैं.पाँहिन : पत्थर.कु : को.का पूजिए : क्या पूजे, कैसे पूजे.जे : जो.जनम न : जन्म भर नहीं.देई जाब : जवाब नहीं देता है.आँधा : अँधा, विवेकहीन.नर : व्यक्ति.आसामुषी : आशान्वित है.यौंही : ऐसे ही. खोवै आब : ऐसे ही इसकी शान को खोता है.
पत्थर को पूजने का क्या लाभ होने वाला है, जो पूजने पर भी जवाब नहीं देता है. पत्थर की मूर्ति को इश्वर नहीं है, जिसे हम इश्वर समझते हैं, उस मूर्ति का क्या लाभ होने
वाला ही जो पुरे जीवन भर ही जवाब नहीं देती है. व्यक्ति व्यर्थ में ही अपने अमूल्य समय और ताकत (मान सम्मान, रौब) को व्यर्थ में समाप्त कर रहे हैं.
भाव है की मानव जीवन बहुत ही अमूल्य है, इसे तुच्छ सांसारिक विषय वासनाओं में खोना उचित नहीं है. मानव को इस मानव जीवन का महत्त्व स्वीकार करना चाहिए, समझना चाहिए और इसके अनुसार ही इश्वर की भक्ति में अपना ध्यान लगाना चाहिए.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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