युगल सरकार हैं सिर पर तसल्ली दिल में रहती है

युगल सरकार हैं सिर पर तसल्ली दिल में रहती है


युगल सरकार हैं सिर पर, तसल्ली दिल में रहती है,
किसी की नाव पानी में, मेरी रेत में चलती है।
युगल सरकार हैं सिर पर...

सदा से पल रहा हूँ मैं, उन्हीं की छत्रछाया में,
मुसीबत की घड़ी उनकी कृपा से यूं ही ढलती है।
किसी की नाव पानी में, मेरी रेत में चलती है।
युगल सरकार हैं सिर पर...

दिया करता हूँ जब-जब छेड़ इस दिल के तारों को,
सदा राधे-श्याम सुंदर की मधुर ध्वनि ही निकलती है।
किसी की नाव पानी में, मेरी रेत में चलती है।
युगल सरकार हैं सिर पर...

नाम-रस बिंदुओं में डूबा रहूं दिन-रात अब यूं ही,
मिली है ऐसी दौलत जो बड़ी मुश्किल से मिलती है।
किसी की नाव पानी में, मेरी रेत में चलती है।
युगल सरकार हैं सिर पर...

गले से श्याम सुंदर जी मुझे निश्चित लगाएँगे,
हृदय में दास के आशा यही दिन-रात पलती है।
किसी की नाव पानी में, मेरी रेत में चलती है।
युगल सरकार हैं सिर पर, तसल्ली दिल में रहती है,
किसी की नाव पानी में, मेरी रेत में चलती है।


श्री गोविंद भार्गव - युगल सरकार है सर पर तस्सली दिल में रहती है - Yugal Sarkar Hain Sir Pe

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