सवेरे होये गुरा दे दर्शन सतगुरु भजन

सवेरे होये गुरा दे दर्शन सतगुरु भजन

सवेरे होए गुरां दे दर्शन, आज दिन सोणा लगेगा
आज दिन सोणा लगेगा, आज दिन प्यारा लगेगा

सतगुरु कर किरपा अपनाया
सानू कागो हंस बनाया
साड़ी हो गई कंचन काया
आज दिन सोणा लगेगा

सवेरे होए गुरां दे दर्शन, आज दिन सोणा लगेगा
आज दिन सोणा लगेगा, आज दिन प्यारा लगेगा

सतगुरु खोले दर दरवाज़े
राजा रंक फकीर निवाज़े
अनहद शब्द नाम दी बाजे
आज दिन सोणा लगेगा

सवेरे होए गुरां दे दर्शन, आज दिन सोणा लगेगा
आज दिन सोणा लगेगा, आज दिन प्यारा लगेगा

जदों दे फड़े गुरां दे पल्ले
सेवा सतसंग नूं असी चले
साड़ी हो गई बल्ले बल्ले

सवेरे होए गुरां दे दर्शन, आज दिन सोणा लगेगा
आज दिन सोणा लगेगा, आज दिन प्यारा लगेगा

सतगुरु दित्ते मेहर दे छट्टे
साडे खुश ने बाल बच्चे
साडे रोग नाश सब हट्टे
आज दिन सोणा लगेगा

सवेरे होए गुरां दे दर्शन, आज दिन सोणा लगेगा
आज दिन सोणा लगेगा, आज दिन प्यारा लगेगा

सतगुरु नज़र मेहर दी कीती
ज़िंदगी बड़ी ही सोणी बीती
ओ आज ते हो गये सोणे दर्शन
आज दिन सोणा लगेगा

सवेरे होए गुरां दे दर्शन, आज दिन सोणा लगेगा
आज दिन सोणा लगेगा, आज दिन प्यारा लगेगा


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भक्त का हृदय सतगुरु के सुबह-सवेरे दर्शन पाकर आनंद से भर उठता है, और उसे लगता है कि आज का दिन सुहाना और प्यारा हो गया है। सतगुरु की कृपा से उसका जीवन बदल गया, मानो काग जैसे मन को हंस बना दिया और उसकी काया कंचन-सी पवित्र हो गई। सतगुरु ने अपने दर के द्वार खोले, जहाँ राजा, रंक और फकीर सभी को सम्मान मिलता है, और उनके नाम का अनहद शब्द गूंजता है। जब से भक्त ने सतगुरु का आश्रय लिया, वह सेवा और सत्संग में रम गया, जिससे उसका जीवन धन्य हो गया। सतगुरु की मेहर से उसके परिवार में खुशियाँ आईं, सारे रोग-दुख दूर हुए। उनकी कृपापूर्ण नज़र ने भक्त की ज़िंदगी को सुंदर बना दिया। यह भजन सतगुरु के दर्शन, उनकी कृपा और प्रेम से मिलने वाली खुशी, शांति और जीवन की सार्थकता को व्यक्त करता है।
 
गुरु की महिमा से मेरी आत्मा को अनेक लाभ होते हैं, जो जीवन को गहराई और सार्थकता प्रदान करते हैं। गुरु के प्रकाश और कृपा से आत्मा को सबसे पहले अज्ञान के अंधकार से मुक्ति मिलती है और ज्ञान का प्रकाश प्राप्त होता है। गुरु की शरण में आने से आत्मा में शांति, आनंद और सच्चे सुख का अनुभव होता है। गुरु अपने शिष्य को परमात्मा से मिलाने में सहायक होते हैं, जिससे आत्मा को असीम प्रेम और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

दूसरे पैराग्राफ में, गुरु की महिमा से आत्मा को काम, क्रोध, लोभ, मोह जैसे विकारों से मुक्ति मिलती है और मन शुद्ध होता है। गुरु अपनी कृपा से शिष्य के पाप कर्मों को नष्ट कर देते हैं और उसके पुण्यों में वृद्धि करते हैं। गुरु के मार्गदर्शन से आत्मा को जीवन के वास्तविक उद्देश्य की प्राप्ति होती है और वह परमात्मा के निकट पहुँचती है। इस प्रकार, गुरु की महिमा से आत्मा को शांति, प्रकाश, सुख, मुक्ति और परमात्मा की प्राप्ति जैसे महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होते हैं। 
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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