ॐ जय गिरिराज गोवर्धन आरती लिरिक्स

ॐ जय गिरिराज गोवर्धन आरती Govardhan Bhagwan Aarti Lyrics, Govardhan maharaj Bhajan Aarti

ओम जय जय जय,
गिरिराज,
स्वामी जय जय गिरिराज,
संकट में तुम राखो,
निज भक्तन की लाज.
ॐ जय जय जय, गिरिराज,
स्वामी जय जय जय,
गिरिराज
संकट में तुम राखो,
निज भक्तन की लाज
ओम जय जय जय गिरिराज।

इंद्रादिक सब सुर मिल,
स्वामी तुम्हरो ध्यान धरे,
ऋषि मुनि जन यश गावे,
ते भवसिंधु तरे,
ॐ जय जय जय, गिरिराज।

सुन्दर रूप तुम्हारो,
श्याम सिला सोहे,
वन उपवन लखि लखि के,
भक्तन मन मोहे,
ॐ जय जय जय, गिरिराज।

मध्य मानसी गंगा,
कलि के मल हरनी,
प्रभु कलि के मल हरनी,
तापै दीप जलावे,  
उतरे बैतरनी,
ॐ जय जय जय, गिरिराज।

नवल अप्सरा कुण्ड सुहावन,
पावन सुखकारी,
प्रभु पावन सुखकारी,
बाएँ राधा कृष्ण कुण्ड है,
महापाप हारी,
ॐ जय जय जय, गिरिराज।

तुम ही मुक्ति के दाता,
कलयुग में स्वामी,
प्रभु कलयुग में स्वामी,
दीनन के हो रक्षक,
प्रभु अन्तर्यामी,
ॐ जय जय जय, गिरिराज।

हम हैं शरण तुम्हारी,
गिरवर गिरधारी,
प्रभु गिरवर गिरधारी,
देवकीनंदन कृपा करो,
हे भक्तन हितकारी,
ॐ जय जय जय, गिरिराज।

जो नर दे परिक्रमा,
पूजन पाठ करे,
स्वामी पूजन पाठ करे,
गावे नित्य आरती,
पुनि नहीं जनम धरे,
ॐ जय जय जय, गिरिराज।

ओम जय जय जय,
गिरिराज,
स्वामी जय जय गिरिराज,
संकट में तुम राखो,
निज भक्तन की लाज.
ॐ जय जय जय, गिरिराज,
स्वामी जय जय जय,
गिरिराज
संकट में तुम राखो,
निज भक्तन की लाज
ओम जय जय जय गिरिराज।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)



गोवर्धन जी की आरती | जय जय जय गिरिराज | Govardhan Ji Ki Aarti | Jai Jai Giriraj | Varsha Shrivastava

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