ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति शांतिपाठ लिरिक्स मीनिंग Shantipath Meaning Lyrics
हमारे हिन्दू धर्म में पूजा पाठ के साथ ही मन्त्र का भी एक विशेष महत्त्व है। प्राचीन शास्त्रों से हमें विभिन्न अवसरों पर पूजा पाठ के समय उपयोग में लिए जाने वाले मन्त्रों का बोध होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी विभिन्न अवसरों पर मन्त्रों का अपना एक विशेष महत्त्व है।
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति- यह मन्त्र यजुर्वेद में उल्लेखित है। इस मन्त्र के माध्यम से हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं की वे हमारे जीवन में शान्ति बनाए रखें। संस्कार, यज्ञ और अन्य धार्मिक कार्य में इस मन्त्र का जाप अनिवार्य होता है। इस मन्त्र में समस्त जीवों, वनस्पतियों और प्रकृति में शान्ति बनाए रखने की ईश्वर से प्रार्थना है। इस मन्त्र का शाब्दिक अर्थ है की हे ईश्वर स्वरूप, शांति स्थापित कीजिए, वायु में शांति अंतरिक्ष में शांति हो, पृथ्वी पर शांति हों, जल में शांति हो, औषध में शांति हो, वनस्पतियों में शांति हो, विश्व में शांति हो, सभी देवतागणों में शांति हो, ब्रह्म में शांति हो, सब में शांति हो, चारों और शांति हो, हे परमपिता परमेश्वर शांति हो, शांति हो, शांति हो।
Om Dyauh Shaantir-Antarikssam Shaantih Prthivii Shaantir-Aapah Shaantir-Ossadhayah Shaantih | Vanaspatayah Shaantir-Vishve-Devaah Shaantir-Brahma Shaantih Sarvam Shaantih Shaantireva Shaantih Saa Maa Shaantir-Edhi | Om Shaantih Shaantih Shaantih ||
May there be peace there throughout the entire sky and throughout the great ethereal expanse. May there be peace on earth, in the water, and among all plants, including creepers, trees, and herbs. May there be tranquilly across the cosmos. May the Supreme Being, Brahman, be at peace. And may peace and peace alone exist at all times. To us and all beings, Aum peace, peace, and more peace!
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