लाज रखो मोरी, हे गिरधारी भजन
हे गिरधारी, हे गिरधारी,
कृष्ण मुरारी,
हे गिरधारी, हे गिरधारी,
कृष्ण मुरारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी।
पाँच पति सिर नीचे किए हैं,
पाँच पति सिर नीचे किए हैं,
वही गदा, वही गदा,
वहीं गाण्डीवधारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी।
बाबा (पितामह) भी क्यों चुप बैठे हैं,
पता नहीं, पता नहीं,
उनको क्या लाचारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी।
मैं समझी थी कि एक है अन्धा,
यहाँ तो अन्धी, यहाँ तो अन्धी,
सभा है सारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी।
अब मैं आस करुँ कहो किस पर,
यहाँ सब बैठे,यहाँ सब बैठे,
बैठे हैं जुआरी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी।
ऐसे ही दया बनाए रखना,
'फणी' पै सदा, फणी पे सदा,
दया है तुम्हारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी।
हे गिरधारी, हे गिरधारी,
कृष्ण मुरारी,
हे गिरधारी, हे गिरधारी,
कृष्ण मुरारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी,
लाज रखो मोरी, हे गिरधारी।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)
लाज रखो मोरी हे गिरधारी! Laj Rakho Mori He Girdhari With manjeetbhaktisangeet
इस भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों को भी देखें.
Hey Giradhari, Hey Giradhari,
Krishna Murari,
Hey Giradhari, Hey Giradhari,
Krishna Murari,
Laj Rakho Mori, Hey Giradhari,
Laj Rakho Mori, Hey Giradhari.