श्याम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ायेगा

श्याम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ायेगा

श्याम नाम के साबुन से जो,
मन का मैल छुड़ायेगा,
श्याम नाम के साबुन से जो,
मन का मैल भगायेगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
श्याम के दर्शन पायेगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
श्याम के दर्शन पायेगा।

रोम रोम में श्याम है तेरे,
वो तो तुझ से दूर नहीं,
देख सके ना आँखें उनको,
उन आंखों में नूर नहीं,
देखेगा तू मन मंदिर में,
ज्ञान की ज्योत जलायेगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
श्याम के दर्शन पायेगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
श्याम के दर्शन पायेगा।

यह शरीर अभिमान है जिसका,
प्रभु कृपा से पाया है,
झूठे जग के बंधन में,
तूने इस को बिसराया है,
श्याम नाम का महामंत्र,
ये साथ तुम्हारे जायेगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
श्याम के दर्शन पायेगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
श्याम के दर्शन पायेगा।

झूठ कपट निंदा को त्यागो,
हर एक से तुम प्यार करो,
घर आये मेहमान की सेवा,
से ना तुम इनकार करो,
पता नहीं प्यारे तू कब,
नारायण में मिल जायेगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
श्याम के दर्शन पायेगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
श्याम के दर्शन पायेगा।

श्याम नाम के साबुन से जो,
मन का मैल छुड़ाएगा,
श्याम नाम के साबुन से जो,
मन का मैल छुड़ाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
श्याम के दर्शन पायेगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
श्याम के दर्शन पायेगा।



भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)



श्याम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाएगा  Sapna Vishwakarma - Khatu Shyam Ji Bhajan

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