होली खेलेंगे अब तो गिरधर गोपाल से भजन

होली खेलेंगे अब तो गिरधर गोपाल से भजन

 
होली खेलेंगे अब तो गिरधर गोपाल से भजन Holi Khelenge Aub Girdhar Gopal Se Lyrics

झोली तो भर लो भक्तों रंग और गुलाल से,
होली खेलेंगे अब तो गिरधर गोपाल से।

कोरे कोरे कलश मंगाकर उन में रंग घुलवाना,
लाल गुलाबी नीला पीला केसर रंग घुलवाना,
बचकर के रहना उनकी टेढ़ी-मेढ़ी चाल से,
होली खेलेंगे अब तो गिरधर गोपाल से।

लाएंगे वह संग में अपने ग्वाल वालों की टोली,
मैं भी रंग अबीर मलूंगी और माथे पर रोली,
गायेंगे फाग मिलकर ढोलक और ताल से,
होली खेलेंगे अब तो गिरधर गोपाल से।

श्याम प्रभु की बजी बांसुरी गवालों के मंजीरे,
बीच बाजार ए ललिता नाचे राधा धीरे-धीरे,
गाएंगे भजन सुहाने हम भी सुरताल से,
होली खेलेंगे अब तो गिरधर गोपाल से।


होली खेलेंगे अब तो गिरधर गोपाल से भजन

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