मोटी मोटी आँखों में काजल डलवाया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है।
आँखे प्यारी मुखड़ा प्यारा प्यारी तेरी है मुस्कान,
ऐसा मनोहर रूप तेरा मन भाया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया बृज में आया है।
ब्रज के नर हो या हो नारी बच्चे बूढ़े या हो जवान,
सब है तेरे प्रेम में पागल तू इतराया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है।
माखन चोरी कर के खाया गोपियों के वस्त्र को चुराया,
फिर भी तू ही मन में बसा क्यों समझ ना आया है,
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया बृज में आया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
मोटी मोटी आंखों में काजल डलवाया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
आंखे प्यारी मुखड़ा प्यारा प्यारी तेरी है मुस्कान।
ऐसा मनोहर रूप तेरा सबके मन भाया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
व्रज के नर हो या नारी बच्चे बूढ़े या हो जवान।
सब है तेरे प्रेम में पागल तूं इतराया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
माखन चोरी करके खाया गोपियों के वस्त्र को चुराया।
फिर भी तूं ही मन में बसा क्यों समझ ना आया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
मोटी मोटी आँखों में काजल डलवाया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है कृष्णा हिंदी भजन लिरिक्स
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है……
आँखे प्यारी मुखड़ा प्यारा प्यारी तेरी है मुस्कान,
ऐसा मनोहर रूप तेरा मन भाया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है……..
ब्रज के नर हो या हो नारी बच्चे बूढ़े ये हो जवान
सब है तेरे प्रेम में पागल तू इतराया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है…
माखन चोरी कर के खाया गोपियों के वस्त्र को चुराया,
फिर भी तू ही मन में बसा क्यों समझ ना आया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है…..
आज म्हारं साधु जननो संग रे, राणा म्हारां भाग भल्यां।।टेक।।
साधु जननो संग जो करिये, चढ़े ते चौगणो रंग रे।
साकत जननो संग न करिये, पड़े भजन में भंग रे।
अठसठ तीरथ सन्तों ने चरणए, कोटि कासी ने कोटि गंग रे।
निन्दा करसे नरक कुण्ड सां, जासे याते आंधला अपंग रे।
मीरां के प्रभु गिरधरनागर, संतोनी रज म्हारे अंग रे।।
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है।
आँखे प्यारी मुखड़ा प्यारा प्यारी तेरी है मुस्कान,
ऐसा मनोहर रूप तेरा मन भाया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया बृज में आया है।
ब्रज के नर हो या हो नारी बच्चे बूढ़े या हो जवान,
सब है तेरे प्रेम में पागल तू इतराया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है।
माखन चोरी कर के खाया गोपियों के वस्त्र को चुराया,
फिर भी तू ही मन में बसा क्यों समझ ना आया है,
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया बृज में आया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
मोटी मोटी आंखों में काजल डलवाया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
आंखे प्यारी मुखड़ा प्यारा प्यारी तेरी है मुस्कान।
ऐसा मनोहर रूप तेरा सबके मन भाया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
व्रज के नर हो या नारी बच्चे बूढ़े या हो जवान।
सब है तेरे प्रेम में पागल तूं इतराया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
माखन चोरी करके खाया गोपियों के वस्त्र को चुराया।
फिर भी तूं ही मन में बसा क्यों समझ ना आया है।
मेरा गिरधर नंद किशोर कन्हैया व्रज में आया है।
मोटी मोटी आँखों में काजल डलवाया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है कृष्णा हिंदी भजन लिरिक्स
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है……
आँखे प्यारी मुखड़ा प्यारा प्यारी तेरी है मुस्कान,
ऐसा मनोहर रूप तेरा मन भाया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है……..
ब्रज के नर हो या हो नारी बच्चे बूढ़े ये हो जवान
सब है तेरे प्रेम में पागल तू इतराया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है…
माखन चोरी कर के खाया गोपियों के वस्त्र को चुराया,
फिर भी तू ही मन में बसा क्यों समझ ना आया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है…..
आज म्हारं साधु जननो संग रे, राणा म्हारां भाग भल्यां।।टेक।।
साधु जननो संग जो करिये, चढ़े ते चौगणो रंग रे।
साकत जननो संग न करिये, पड़े भजन में भंग रे।
अठसठ तीरथ सन्तों ने चरणए, कोटि कासी ने कोटि गंग रे।
निन्दा करसे नरक कुण्ड सां, जासे याते आंधला अपंग रे।
मीरां के प्रभु गिरधरनागर, संतोनी रज म्हारे अंग रे।।
मोटी मोटी आँखों में काजल डलवाया है,
मेरा गिरधर नन्द किशोर कन्हैया ब्रज में आया है।
गोवर्धन पर्वत को उठाना: भगवान कृष्ण ने वृंदावन के लोगों को भारी वर्षा और भगवान इंद्र के प्रकोप के कारण बाढ़ से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था।
Mera Girdhar Nand Kishor Kanhaiya Brij Me Aaya Hai
Title ▹Mera Girdhar Nand Kishore Kanhaiya Brij Me Aaya Hai
Artist ▹ Sonia
Singer ▹ Komal Gouri
Music ▹ Pardeep Panchal
Lyrics & Composer ▹ Traditional
Editing ▹ Max Ranga
Artist ▹ Sonia
Singer ▹ Komal Gouri
Music ▹ Pardeep Panchal
Lyrics & Composer ▹ Traditional
Editing ▹ Max Ranga
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