आसरो बालाजी म्हने थारो थे कष्ट निवारो भजन
आसरो बालाजी म्हने थारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिए पधारो, थारी मैं बुलावा जय जयकार।। सालासर में सज्यो है दरबार, अंजनी का लाला, दुखियारा दातार, थाने जो ध्यावे, करोथे बेड़ा पार, काटजो घणो यो दुःख म्हारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिए पधारो, थारी मैं बुलावा जय जयकार।। सारया हो थे राम जी रा काज, शरण पड़्या की राखो जी म्हारी लाज, बैठ्या मैं उडीका बजरंगी थाने आज, चालणो नहीं रे कोई लारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिए पधारो, थारी मैं बुलावा जय जयकार।। बल देवो में बड़ो ही कमजोर, हे तारणहार, में पापी घणघोर, थे सुणोगा, सुणोगे कुण और, थारो ही यो सरल विचारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिए पधारो, थारी मैं बुलावा जय जयकार।। आसरो बालाजी म्हने थारो, थे कष्ट निवारो, पधारो म्हारे आंगणिए पधारो, थारी मैं बुलावा जय जयकार।।
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Author - Saroj Jangir
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