राधे श्याम बोलो राधे श्याम बोलो भजन
गैया चराये रे,
माखन खाये,
देखो मेरो श्याम,
गोपियों के संग रास रचाये रे,
मन को लुभाये देखो श्याम।
कान्हा चलाये गोपियों पर,
अपनी मनमर्जी,
राधा के आगे देखो लगादी,
प्रेम की अर्जी,
पहने मुकुट सिर मोर,
भोली सूरतिया हाय,
राधा कहे चित्तचोर,
ऐसी मूर्तिया भाये,
राधे श्याम बोलो,
श्याम बोलो,
राधे श्याम बोलो,
श्याम बोलो।
मन के आंगन में करे है,
राधा के संग जो ठिठोली,
देखता बृज धाम सारा,
दोनों की आंख मिचौली,
सब सखी ढूंढ लाओ,
ढूंढ लाओ रे,
बंसी की धुन में यूं,
झूम जाओ,
ढूंढ लाओ रे,
राधे श्याम बोलो,
श्याम बोलो,
राधे श्याम बोलो,
श्याम बोलो।
हरे रामा हरे रामा,
रामा रामा हरे हरे,
हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
Radhe Shyam Bolo | Shreyas Puranik | Bhagwat Das Brahmachari | Saaveri Verma | राधे श्याम बोलो
Track - Radhe Shyam Bolo
Singer - Shreyas Puranik
Language - Hindi
Lyricist - Saaveri Verma
Music - Shreyas Puranik
Additional Vocals - Aishwarya Bhandari & Deepali Sathe
Music Arranged and programmed by - Shubham Saurabh
Mixed and Masterd - Rahul M Sharma
वृंदावन की हवा में जब भी बाँसुरी की धुन गूँजती है, तो ऐसा लगता है मानो स्वयं प्रेम ने संगीत का रूप ले लिया हो। वह स्वर केवल साज नहीं, बल्कि आत्मा का आह्वान है — जो मन को बुलाता है, मोह से परे किसी पवित्र लगाव की ओर। कान्हा का यह बालपन और रास का रंग, भक्ति को आनंद में बदल देता है। गाय चराने वाले उस सरल चेहरे में जब दिव्यता झलकती है, तब समझ आता है कि ईश्वर सदा महानता में नहीं, सादगी में प्रकट होते हैं। उनका माखन खाना, गोपियों के संग हँसी‑ठिठोली करना, ये सब खेल नहीं – यह बताने का तरीका है कि जो सच्चा प्रेम करता है, वह जीवन के हर क्षण को पूज्य बना देता है।
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