मेरे गुरुदेव जैसी जगत में दूसरी कोई हस्ती

मेरे गुरुदेव जैसी जगत में दूसरी कोई हस्ती

मेरे गुरुदेव जैसी जगत में,
दूसरी कोई हस्ती नहीं है,
जो बरसती है रहमत यहां पर,
जो बरसती है रहमत यहां पर,
वो कहीं भी बरसती नहीं है।

सब जगह हमको माया सताती,
युक्ति बचने की समझ में ना आती,
इनकी बस्ती में आकर जो बसते,
इनकी बस्ती में आकर जो बसते,
वासना उनमें बसती नहीं है,
जो बरसती है रहमत यहां पर,
वो कहीं भी बरसती नहीं है।

ज्ञान सागर में हम खाते गोता,
आत्म चिंतन यहां नित्य होता,
सद्गुरु चिंतन में जो लोग रहते,
सद्गुरु चिंतन में जो लोग रहते,
चिंता नागिन भी डसती नहीं है,
जो बरसती है रहमत यहां पर,
वो कहीं भी बरसती नहीं है।

जिसने आत्म स्वरूप है पाया,
जिसने राजेश्वर गुरु गुण है गाया,
व्यर्थ विषयों के लिए वासना बस,
व्यर्थ विषयों के लिए वासना बस,
बुद्धि उसकी तरसती नहीं है,
जो बरसती है रहमत यहां पर,
वो कहीं भी बरसती नहीं है।

मेरे गुरुदेव जैसी जगत में,
दूसरी कोई हस्ती नहीं है,
जो बरसती है रहमत यहां पर,
जो बरसती है रहमत यहां पर,
वो कहीं भी बरसती नहीं है।


There is no other personality like my Gurudev in the world!! Best bhajan - Dhanvantri das ji

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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