तेरा मैं दीदार दीवाना

तेरा मैं दीदार दीवाना

तेरा मैं दीदार दीवाना,
घड़ी घड़ी तुझे देखा चाहूँ,
सुन साहेबा रहमाना।
हुआ अलमस्त खबर नहिं तनकी,
पीया प्रेम पियाला।
ठाढ़ होऊँ तो गिरगिर परता,
तेरे रँग मतवाला।
खड़ा रहूँ दरबार तुम्हारे,
ज्यों घरका बंदाजादा।
नेकीकी कुलाह सिर दिये,
गले पैरहन साजा।
तौजी और निमाज न जानूँ,
ना जानूँ धरि रोजा।
बाँग जिकर तबहीसे बिसरी,
जबसे यह दिल खोज।
कह मलूक अब कजा न करिहौं,
दिलहीसों दिल लाया।
मक्का हज्ज हियेमें देखा,
पूरा मुरसिद पाया।



तेरा में दीदार दीवाना घड़ी घड़ी तुझे देखा चाहूं सुन साहिब रहमान रामानंद चांग भिवानी

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