तेरा मैं दीदार दीवाना भजन
तेरा मैं दीदार दीवाना,
घड़ी घड़ी तुझे देखा चाहूँ,
सुन साहेबा रहमाना।
हुआ अलमस्त खबर नहिं तनकी,
पीया प्रेम पियाला।
ठाढ़ होऊँ तो गिरगिर परता,
तेरे रँग मतवाला।
खड़ा रहूँ दरबार तुम्हारे,
ज्यों घरका बंदाजादा।
नेकीकी कुलाह सिर दिये,
गले पैरहन साजा।
तौजी और निमाज न जानूँ,
ना जानूँ धरि रोजा।
बाँग जिकर तबहीसे बिसरी,
जबसे यह दिल खोज।
कह मलूक अब कजा न करिहौं,
दिलहीसों दिल लाया।
मक्का हज्ज हियेमें देखा,
पूरा मुरसिद पाया।
घड़ी घड़ी तुझे देखा चाहूँ,
सुन साहेबा रहमाना।
हुआ अलमस्त खबर नहिं तनकी,
पीया प्रेम पियाला।
ठाढ़ होऊँ तो गिरगिर परता,
तेरे रँग मतवाला।
खड़ा रहूँ दरबार तुम्हारे,
ज्यों घरका बंदाजादा।
नेकीकी कुलाह सिर दिये,
गले पैरहन साजा।
तौजी और निमाज न जानूँ,
ना जानूँ धरि रोजा।
बाँग जिकर तबहीसे बिसरी,
जबसे यह दिल खोज।
कह मलूक अब कजा न करिहौं,
दिलहीसों दिल लाया।
मक्का हज्ज हियेमें देखा,
पूरा मुरसिद पाया।
तेरा में दीदार दीवाना घड़ी घड़ी तुझे देखा चाहूं सुन साहिब रहमान रामानंद चांग भिवानी Tera Main Didar Diwana Bhajan
Padam Shri Swami Ramswarup Sharma
Devotional Bhajan
पदम् श्री स्वामी रामस्वरूप शर्मा
यह चैनल स्वामी राम स्वरुप शर्मा जी, वृंदावन से संबंधित है, जिन्हें भारत के राष्ट्रपति सर अब्दुल कलाम जी, ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, 2005 में ! स्वामी जी के द्वारा भगवान कृष्ण, भगवान राम और भगवान चैतन्य महाप्रभु के राम-लीला और रास-लीला के माध्यम से समाज में एक नया आयाम शुरू किया था. उनके अविश्वसनीय योगदान के लिए तथा रासलीला को एक नई ऊंचाइ तक लेन में स्वामी जी ने बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया था। अब उनके पौत्र स्वामी राम बल्लभ शर्मा जी पूरी दुनिया में रास-लीला के माध्यम से अपने दादा जी का नाम ऊंचा कर रहे है ।
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