इस "हे शारदे माँ" भजन में, भक्त माता शारदे की महिमा गाई गई है। भजन में कहा गया है कि माता शारदे हमारे अज्ञान को दूर करके हमें प्रकाश की ओर ले जाती हैं। माता शारदे शब्दों की देवी हैं और हर गीत उनसे ही प्रेरित होता है। भजन में भक्त दर्शाते हैं कि वे अकेले और अधूरे हैं और माता की शरण में प्यार की प्राप्ति करते हैं। भजन में यह भी कहा गया है कि मुनियाँ और गुणियाँ भक्तों की भाषा को समझते हैं, और हमें भी विद्या का अधिकार देना चाहिए। माता शारदे माथे पर मुकुट और हाथों में वीणा लिए श्वेतवर्णी रूप में विराजती हैं। भजन में कहा गया है कि माता हमारे मन से अँधेरे को मिटा दें और हमें प्रकाशमय परिवार प्रदान करें।
हे शारदे मां लिरिक्स Hey Sharade Maa Bhajan Lyrics
हे शारदे माँ हे शारदे माँ,अज्ञानता से हमें तारदे माँ,
हे शारदे माँ हे शारदे माँ,
अज्ञानता से हमें तारदे माँ।
तू स्वर की देवी यह संगीत तुझसे,
हर शब्द तेरा हर गीत तुझसे,
तू स्वर की देवी यह संगीत तुझसे,
हर शब्द तेरा हर गीत तुझसे,
हम है अकेले हम है अधूरे,
तेरी शरण में हमें प्यार दे माँ,
हम है अकेले हम है अधूरे,
तेरी शरण में हमें प्यार दे माँ,
हे शारदे माँ हे शारदे माँ,
अज्ञानता से हमें तारदे माँ,
हे शारदे माँ।
मुनियों ने समझी गुनियों ने जानी,
संतो की भाषा आगम की बानी,
मुनियों ने समझी गुनियों ने जानी,
संतो की भाषा आगम की बानी,
हम भी तो समझे हम भी तो जाने,
विद्या का हमको अधिकार दे माँ,
हम भी तो समझे हम भी तो जाने,
विद्या का हमको अधिकार दे माँ,
हे शारदे माँ हे शारदे माँ,
अज्ञानता से हमें तारदे माँ,
हे शारदे माँ।
तू श्वेतवर्णी कमल पर विराजे,
हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे,
तू श्वेतवर्णी कमल पर विराजे,
हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे,
मनसे हमारे मिटा दे अँधेरा,
हमको उजाला का परिवार दे माँ,
मनसे हमारे मिटा दे अँधेरा,
हमको उजाला का परिवार दे माँ,
हे शारदे माँ हे शारदे माँ,
अज्ञानता से हमें तारदे माँ,
हे शारदे माँ।
हे शारदे मां Hey Sharde Maa | Saraswati Vandana | Mata Ke Bhajan | Bhakti Song | Bhajan Songs
माता शारदा भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण देवी मानी जाती हैं। वे ज्ञान, कला, संगीत और बुद्धि की देवी हैं और उन्हें सरस्वती देवी के रूप में भी जाना जाता है। शारदा माता को भारतीय देवी मंदिरों में विशेष महत्व दिया जाता है और उन्हें श्रद्धा और सम्मान के साथ पूजा जाता है। माता शारदा का नाम संस्कृत शब्द "शारदा" से लिया गया है, जो शरद ऋतु (शरद और पुष्य नक्षत्र का संयोग) की प्रतीक है। इस ऋतु में जब प्रकृति नवीनता, सुंदरता और सरस्वती उत्पन्न करती है, तो इस बात का प्रतीक माना जाता है कि जगती शारदा माता का आगमन हुआ है।
माता शारदा को विद्या की देवी के रूप में पूजा जाता है। उन्हें विद्या, ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति की वरदान देने की क्षमता से युक्त माना जाता है। ज्ञान के इस प्रतीक के रूप में, शारदा माता के मंदिरों में विद्यार्थियों, विद्यालयों और शिक्षा संस्थानों की ओर से उनकी पूजा और अर्चना की जाती है। शारदा माता भारतीय संगीत की प्रेरणा मानी जाती हैं। उन्हें वीणा, एक मात्रा और संगीत के अंतरंग तत्वों के साथ दिखाया जाता है। भक्त उन्हें संगीत और कला की प्रेरणास्थली मानते हैं और उन्हें श्रद्धा से गाने, संगीत के प्रदर्शन और संगीत के साधनों की पूजा की जाती है।
माता शारदा को विद्या की देवी के रूप में पूजा जाता है। उन्हें विद्या, ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति की वरदान देने की क्षमता से युक्त माना जाता है। ज्ञान के इस प्रतीक के रूप में, शारदा माता के मंदिरों में विद्यार्थियों, विद्यालयों और शिक्षा संस्थानों की ओर से उनकी पूजा और अर्चना की जाती है। शारदा माता भारतीय संगीत की प्रेरणा मानी जाती हैं। उन्हें वीणा, एक मात्रा और संगीत के अंतरंग तत्वों के साथ दिखाया जाता है। भक्त उन्हें संगीत और कला की प्रेरणास्थली मानते हैं और उन्हें श्रद्धा से गाने, संगीत के प्रदर्शन और संगीत के साधनों की पूजा की जाती है।