पता नहीं किस रूप में आकर नारायण लिरिक्स Narayan Mil Jayega Lyrics

पता नहीं किस रूप में आकर नारायण लिरिक्स Narayan Mil Jayega Lyrics

 
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण लिरिक्स Narayan Mil Jayega Lyrics

राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल छुड़ाएगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन  पायेगा,
राम नाम के साबुन से,
मन का मेल छुड़ाएगा।

झूठ कपट निंदा को त्यागो,
हर इक से तुम प्यार करो,
घर आये अतिथि कोई तो,
यथा शक्ति सत्कार करो,
पता नहीं किस रूप में आकर,
नारायण मिल जाएगा,
राम नाम के साबुन से,
मन का मेल छुड़ाएगा।

नर शरीर अनमोल रे प्राणी,
प्रभु कृपा से पाया है,
झूठे जग प्रपंच में पड़कर,
जो प्रभु को बिसराया है,
समय हाथ से निकल गया तो,
सर धुन धुन पछतायेगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन  पायेगा,
राम नाम के साबुन से,
मन का मेल छुड़ाएगा।

साधना तेरा कच्चा है जब तक,
प्रभु पर विश्वास नहीं,
मंजिल कर पाना है क्या,
जब दीपक में प्रकाश नहीं,
निश्चय है तो भव सागर से,
बेड़ा पार हो जायेगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन  पायेगा,
राम नाम के साबुन से,
मन का मेल छुड़ायेगा।

दौलत का अभिमान का झूठा,
ये तो आनी जानी है,
राजा रंग अनेक हुए,
कितनों की सुनी कहानी है,
राम नाम प्रिय महामंत्र ही,
साथ तुम्हारे जायेगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन  पायेगा,
राम नाम के साबुन से,
मन का मेल छुड़ाएगा।

राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल छुड़ायेगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पायेगा,
राम नाम के साबुन से,
मन का मेल छुड़ायेगा।
 

पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा |Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega | Bhajan


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