प्रेग्नेंसी में कीवी खाने के फायदे Pregnancy Me Kiwi Khane Ke Fayde
कीवी पोषक तत्वों से भरपूर फल है। इसमें प्रोटीन, फोलेट, फाइबर, विटामिन ए, सी, तथा आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। कीवी में पाए जाने वाले विटामिंस और मिनरल्स गर्भवती स्त्री के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में आयरन होता है जो गर्भावस्था के दौरान रक्त का हीमोग्लोबिन स्तर बनाए रखता है। गर्भावस्था में कभी-कभी कब्ज की समस्या भी हो जाती है तो कीवी का सेवन करना कब्ज में भी राहत प्रदान करता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि उनके और उनके गर्भवती शिशु के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़े। कीवी एक फल है जो प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होता है।
आइए जानते हैं प्रेगनेंसी में कीवी खाने के प्रमुख फायदे Kiwi Khane Ke Fayde in Pregnancy
कीवी को सुपरफूड भी कहते है। कीवी फाइबर, पोटैशियम, फोलिक एसिड, विटामिन सी और ई, कैरोटीनोइड्स, एंटीऑक्सीडेंट और खनिज पदार्थों से भरपूर होता है।
कीवी का सेवन करना हर व्यक्ति के लिए लाभदायक होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। प्रेगनेंसी में भी कीवी का सेवन करना बहुत लाभदायक होता है।
कीवी का सेवन करना हर व्यक्ति के लिए लाभदायक होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। प्रेगनेंसी में भी कीवी का सेवन करना बहुत लाभदायक होता है।
कीवी का सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती है Pachan Badhane me Kiwi Ke Fayde
प्रेगनेंसी में कब्ज होना सामान्य है। आप भी कीवी का सेवन करके कब्ज में राहत प्राप्त कर सकते हैं। कीवी का सेवन करने से पेट की अन्य समस्याएं जैसे गैस, जी घबराना आदि में भी राहत प्राप्त होती है। कीवी में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है जिससे पाचन क्रिया सुचारू रूप से संपन्न होती है। गर्भावस्था के दौरान कब्ज एक सामान्य समस्या होती है और गर्भवती महिलाएं इससे पीड़ित होती हैं। गर्भावस्था में बदलते हार्मोन्स, बढ़ता हुआ भार, और गर्भ के दबाव के कारण पाचन प्रक्रिया पर असर होता है, जिससे कब्ज की समस्या हो सकती है।
कीवी गर्भावस्था के दौरान कब्ज को रोकने में मदद कर सकती है, क्योंकि इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। फाइबर पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने में मदद करता है और स्वच्छ और स्वस्थ पेट के लिए फायदेमंद होता है। फाइबर भोजन को पाचन के दौरान भूने रखता है और उसे सामान्य और सुचारू बनाता है, जिससे कब्ज की समस्या कम होती है।
प्रोबायोटिक्स भी पाचन को सुचारू रखने में मदद कर सकते हैं। ये "गुड बैक्टीरिया" होते हैं जो पेट में सही माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और पाचन सिस्टम को स्वस्थ रखते हैं।
प्रोबायोटिक्स भी पाचन को सुचारू रखने में मदद कर सकते हैं। ये "गुड बैक्टीरिया" होते हैं जो पेट में सही माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और पाचन सिस्टम को स्वस्थ रखते हैं।
कीवी बच्चे के विकास में भी है फायदेमंद Shishu Ke Vikas Me Labhkari Kiwi
कीवी के सेवन से तंत्रिका तंत्र के साथ साथ मस्तिष्क के विकास में भी मदद मिलती है। गर्भस्थ शिशु में तंत्रिका संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। बच्चे के मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र का विकास करता है और न्यूरल डिफेक्ट को रोकता है।
इसमें पाए जाने वाले फोलिक एसिड से कोशिकाओं का निर्माण होता है। प्रेगनेंसी में कीवी का सेवन करने से गर्भपात का खतरा भी कम होता है।
यह फोलेट युक्त होने से यह मस्तिष्क और संज्ञानात्मक क्षमताओं के विकास में सहायक होता है और भ्रूण के विकास की प्रक्रिया में सकारात्मक परिणाम होते हैं। गर्भावस्था के दौरान फलों को शामिल करने से शिशुओं में न्यूरल ट्यूब दोष को रोकने में मदद मिल सकती है। फोलिक एसिड गर्भावस्था के दौरान माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह मस्तिष्क के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र को विकसित करने में मदद करता है और बच्चे के तंत्रिका संबंधी समस्याओं को दूर कर सकता है। फोलिक एसिड कोशिकाओं के निर्माण और रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण तत्व है, जो बच्चे के कई महत्वपूर्ण अंगों के विकास में मदद करता है।
गर्भावस्था में फोलिक एसिड की उचित मात्रा का सेवन करने से गर्भापात के खतरे को भी कम किया जा सकता है। यह गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में गर्भ के विकास के समय बच्चे को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स (बच्चे के मस्तिष्क और पीठ संबंधी विकार) के खतरे से बचाने में मदद करता है।
कीवी के सेवन से आयरन की कमी नहीं होती है Aayarn Ki Kami Door Kare Kiwi
प्रेगनेंसी के दौरान सामान्यतया कई गर्भवती महिलाएं आयरन की कमी से एनीमिया से ग्रसित हो जाती हैं। उनके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने के कारण बच्चे का विकास भी सामान्य नहीं हो पाता है। लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आयरन का होना बहुत ही आवश्यक होता है। कीवी का सेवन करने से गर्भवती स्त्रियों को पर्याप्त मात्रा में आयरन की प्राप्ति हो जाती है। कीवी में आयरन की अच्छी मात्रा होती है जो गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उनके शरीर को हेमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है, जो उनके और शिशु के रक्त के लिए आवश्यक होता है।
गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं को आयरन की कमी या एनीमिया हो जाती है। एनीमिया में रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी होती है, जिससे रक्त कोशिकाएं नॉर्मल से कम हो जाती हैं। अनीमिया होने पर त्वचा का रंग पीला हो जाना, भूख में कमी का हो जाना और मतली आदि हो सकते हैं.
कीवी एक पौष्टिक फल है जिसमें अच्छी मात्रा में आयरन और अन्य पोषक तत्व होते हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन सी, के भी अच्छी मात्रा होती है। इन पोषक तत्वों के कारण, कीवी आयरन की कमी को दूर करने में मदद करती है और एनीमिया की समस्या से छुटकारा दिलाती है।
आयरन रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और उन्हें स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण होता है। रक्त कोशिकाएं हीमोग्लोबिन के निर्माण में मदद करती हैं, जिससे रक्त को ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने की क्षमता बढ़ती है। यदि गर्भवती महिलाएं अपने आहार में कीवी को शामिल करती हैं, तो वे आयरन की कमी से बच सकती हैं और अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकती हैं।
कीवी में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी होता है। जिससे यह रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है। जिससे प्रेगनेंट महिलाये स्वस्थ रहती है। और गर्भस्थ शिशु का भी सतत विकास होता है। यह फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभाव को कम करने में भी सहायक है। विटामिन सी का प्रचुर मात्रा के कारण यह गर्भवती स्त्रियों के लिए बहुत ही लाभदायक है। कीवी में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम गर्भवती अवस्था के दौरान कमजोर हो सकता है।
कीवी एक पौष्टिक फल है जिसमें अच्छी मात्रा में आयरन और अन्य पोषक तत्व होते हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन सी, के भी अच्छी मात्रा होती है। इन पोषक तत्वों के कारण, कीवी आयरन की कमी को दूर करने में मदद करती है और एनीमिया की समस्या से छुटकारा दिलाती है।
आयरन रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और उन्हें स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण होता है। रक्त कोशिकाएं हीमोग्लोबिन के निर्माण में मदद करती हैं, जिससे रक्त को ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने की क्षमता बढ़ती है। यदि गर्भवती महिलाएं अपने आहार में कीवी को शामिल करती हैं, तो वे आयरन की कमी से बच सकती हैं और अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकती हैं।
कीवी में विटामिन सी की मात्रा रोग प्रतिरोधकता को बढ़ाती है Kiwi Vitamin C Ka Bhandar
कीवी में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी होता है। जिससे यह रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है। जिससे प्रेगनेंट महिलाये स्वस्थ रहती है। और गर्भस्थ शिशु का भी सतत विकास होता है। यह फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभाव को कम करने में भी सहायक है। विटामिन सी का प्रचुर मात्रा के कारण यह गर्भवती स्त्रियों के लिए बहुत ही लाभदायक है। कीवी में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम गर्भवती अवस्था के दौरान कमजोर हो सकता है।
विटामिन सी वाकई एक बेहद महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हमारे शरीर के लिए अनेक फायदों से भरा है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसके निर्माण में न्यूरोट्रांसमीटरों के रूप में भी इसका उपयोग होता है, जो मस्तिष्कीय संदेशों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके सेवन से फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभावों को भी कम किया जा सकता है, जो शरीर में ओक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बन सकते हैं।
कीवी का सेवन डायबिटीज में भी राहत प्रदान करता है Diabetes me Kiwi Ke Fayde
कीवी के सेवन से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। कीवी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। यह इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। कीवी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जिसका मतलब है कि इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर में धीरे-धीरे शुगर के रूप में उपचय होते हैं और इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने में कमी आती है। इसके कारण, कीवी खाने से आपके खून में शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में डायबिटीज के खतरे को कंट्रोल करने के लिए खासतौर पर उन्हें अपने आहार का ध्यान रखना जरूरी होता है। इसके अलावा, कीवी में फाइबर और प्रोटीन भी पाया जाता है, जो शुगर के स्तर को स्थिर रखने में मदद कर सकता है।
फाइबर (Fiber) से भरपूर होता है कीवी
कीवी में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है जो पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने में मदद करता है और कब्ज (कब्ज की समस्या) को रोकता है। फाइबर पौष्टिक अनाज, फल, सब्जियों, और पौधों में पाया जाने वाला एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है, जिसमें शरीर के लिए बहुत सारे फायदे होते हैं।
कीवी में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है और इसलिए यह पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखता है। फाइबर सेवन से पाचन तंत्र में सुधार होता है, कब्ज की समस्या कम होती है और आहार को पेट से अच्छी तरीके से पचाया जा सकता है। इससे पेट की परेशानियां भी कम होती हैं और पेट दर्द भी कम हो सकता है।
फाइबर के सेवन से खाने का भोजन लंबे समय तक भरा रहता है जिससे आपको लंबे समय तक भूख का अहसास नहीं होता है और आपका खाने से संबंधित वजन भी नियंत्रित रहता है।
प्रोटीन (Protein) प्राप्त होता है किवी से
कीवी में प्रोटीन की भी अच्छी मात्रा होती है जो गर्भवती महिलाओं के शरीर के न्यूरो-मस्कुलर विकास और संरचना में मदद करता है। कीवी में प्रोटीन प्राप्त होता है, लेकिन यह प्रोटीन की मुख्य स्रोत नहीं है। कीवी में प्रोटीन की मात्रा कम होती है और यह भोजन का मुख्य प्रोटीन स्रोत नहीं है।
कीवी एक पौष्टिक फल है जिसमें प्रोटीन, विटामिन सी, विटामिन के, पोटैशियम, कैल्शियम, और अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं। प्रोटीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो शरीर के उपयोग के लिए आवश्यक होता है। यह मांस, दूध उत्पादों, दालें, अंडे, और नट्स में मिलता है।
गर्भावस्था के दौरान भी प्रोटीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जिसकी आवश्यकता बढ़ जाती है। गर्भावस्था के दौरान अधिक प्रोटीन सेवन से बच्चे के सही विकास के लिए मदद मिल सकती है, और माँ के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है।
इसलिए, अगर आप प्रोटीन की अच्छी मात्रा चाहते हैं, तो आपको कीवी के साथ अन्य प्रोटीन स्रोतों को भी शामिल करना चाहिए, जैसे कि दूध उत्पाद, दालें, अंडे, नट्स, आदि ।
कीवी खाने के अनेकों फायदे
कीवी के संभावित गुण और लाभ इस प्रकार हैं:- किवी में सूजनरोधी गुण होते हैं।
- किवी डायबिटीज़ रोधी के रूप में भी काम करता है।
- इस फल में एंटी-हाइपरटेंसिव गुण पाए जाते हैं जो हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- यह फल मूत्रवर्धक (मूत्र उत्पादन में वृद्धि) वाला होता है।
- यह एंटी-हेपेटोटॉक्सिक (लीवर को क्षति से बचाता है) के रूप में उपयोगी होता है।
- यह एक हल्के रेचक (कब्ज को दूर करने में) के रूप में कार्य करता है।
- यह एक एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों वाला होता है।
- किवी में ट्यूमररोधी क्षमता होती है।
- इसमें कैंसररोधी क्षमता हो सकती है।
- किवी दमारोधी हो सकता है।
- इसमें एंटी-प्लेटलेट और एंटी-थ्रोम्बिन (रक्त के थक्कों को अवरुद्ध करता है) गुण होते हैं।
- यह एक एंटी-नोसिसेप्टिव हो सकता है (दर्द संवेदना को अवरुद्ध करता है)।
- इसमें एंटी-एथेरोस्क्लोरोटिक (धमनी में कोलेस्ट्रॉल और फ़ैट के निर्माण को रोकता है) क्षमता भी होती है।
- इसमें एंटी-हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर को कम करता है) संबधी गुण होते हैं।
- किवी में पायरियारोधी (मसूढ़ों की बीमारियों को रोकता है) तत्व भी होते हैं।
- किवी चर्म रोग से संबंधित विकारों में लाभकारी होता है।
- किवी जीवाणुरोधी होता है यथा बैक्टीरिया, फंगस और वायरस को समाप्त करता है।
- यह एक एंजियोजेनिक भी होता है।
फोलेट (Folate) का स्त्रोत है किवी
कीवी
में फोलेट की अच्छी मात्रा होती है, जो गर्भावस्था के दौरान न्यूरल ट्यूब
डिफेक्ट्स (बच्चे के मस्तिष्क और पीठ संबंधी विकार) के जन्म में कमी को कम
करने में मदद करती है। फोलिक एसिड गर्भावस्था में बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह एक प्रकार का बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन है जो भ्रूण के सही विकास में बहुत अहम भूमिका निभाता है।
फोलिक एसिड मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास को सुधारता है, जिससे बच्चे में तंत्रिका संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। इससे खासकर मनसिक विकास पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
फोलिक एसिड खासकर गर्भवती महिलाओं में गर्भापात के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह बच्चे के मस्तिष्क और स्पाइन के सही विकास के लिए भी आवश्यक होता है। इसलिए, गर्भावस्था में फोलिक एसिड की भरपूर मात्रा का सेवन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि बच्चे के सही विकास को सुनिश्चित किया जा सके।
फोलिक एसिड मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास को सुधारता है, जिससे बच्चे में तंत्रिका संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। इससे खासकर मनसिक विकास पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
फोलिक एसिड खासकर गर्भवती महिलाओं में गर्भापात के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह बच्चे के मस्तिष्क और स्पाइन के सही विकास के लिए भी आवश्यक होता है। इसलिए, गर्भावस्था में फोलिक एसिड की भरपूर मात्रा का सेवन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि बच्चे के सही विकास को सुनिश्चित किया जा सके।
आपको यह लेख भी पसंद आएगा
- एलोवेरा (घृतकुमारी) तेल के फायदे लंबे और घने बाल Aloe Vera Oil for Healthy Hair Hindi
- ब्रोकली के फायदे, उपयोग के तरीके Broccoli Benefits, Uses in Hindi
- एलोवेरा (घृतकुमारी) के फायदे, उपयोग और नुकसान Benefits, Uses of Aloe Vera in Hindi
- शुद्धि चूर्ण फायदे और उपयोग Patanjali Shuddhi Churna Benefits Hindi
- पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण और झंडू नित्यम चूर्ण में कौन सा चूर्ण अच्छा है ?
प्रेगनेंसी में कीवी का सेवन कितनी मात्रा में करें Kiwi Ka upyog Kaise aur Kitana Karen
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला प्रतिदिन एक कीवी का सेवन कर सकती है। कीवी का सेवन करने से पहले आप डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें। अधिक मात्रा में कीवी का सेवन करने से एसिडिटी और गले में खराश हो सकती है। कीवी का सेवन अधिक मात्रा में करने से एसिडिटी या गले में खराश की समस्या हो सकती है, क्योंकि यह फल एसिडिक होता है। एसिडिटी और गले में खराश से बचने के लिए आपको अधिकतम एक कीवी प्रतिदिन सेवन करना चाहिए और ज़्यादा खाने से बचना चाहिए।
प्रेग्नेंट महिलाओं को स्वस्थ आहार और उचित पोषण के साथ अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए। वे एक स्वस्थ और समतुल्य डायट चार्ट पर रहने के लिए सलाह दे सकते हैं, जिसमें कीवी के साथ अन्य पोषक फल, सब्जियां, और अन्य पोषण स्रोत शामिल होंगे। इससे वे अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकती हैं और गर्भावस्था के दौरान और बाद में फायदेमंद हो सकती हैं।
कीवी का सेवन करते समय सावधानियां Side effects of Kiwi
हालांकि कीवी के सेवन से कोई नुकसान नहीं होता है फिर भी जिन व्यक्तियों को कीवी से एलर्जी हो उन्हें कीवी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अधिक मात्रा में कीवी खाने से खुजली की समस्या हो सकती है।
- अधिक मात्रा में कीवी का सेवन करने से जी घबराना और उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
- अधिक मात्रा में कीवी का सेवन करने से एसिडिटी, गैस और गले में खराश हो सकती है।
- एलर्जी: कीवी खाने से कुछ लोगों में एलर्जी की समस्या हो सकती है। यदि आपको पहले से ही किसी खाने से एलर्जी है तो कीवी से भी एलर्जी की समस्या बढ़ सकती है। एलर्जी के लक्षणों में जलन, चकत्ते, सूजन, खुजली, दस्त, और जी मचलने जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
- अधिक मात्रा में खाना: अधिक मात्रा में कीवी खाने से आपको खुजली का अहसास हो सकता है, और इसके कारण होंठ और जीभ पर सूजन आ सकती है।
- खाने से पहले ध्यान देना: कभी-कभी कीवी खाने से उल्टी, दस्त, या जी मचलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, और साथ ही पेट में दर्द और जलन का कारण भी हो सकता है। इसलिए, कीवी के सेवन से पहले आपको अपने शरीर के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और यदि कोई समस्या हो तो इसे खाने से पहले डॉक्टर से जांचना उचित होगा।
गर्भावस्था के समय उचित आहार का महत्व होता है। आपके शरीर के लिए उचित पोषण बहुत जरूरी होता है, और खासकर खाने की क्रेविंग होने पर भी आपको जंक फूड और तले-भुने खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपको परेशानी हो सकती है।
गर्भावस्था में सही आहार और पूरी नींद लेने से आपको कई लाभ होते हैं। कीवी फल एक बहुत ही पौष्टिक फल है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी और आयरन होते हैं। यह आपके पाचन तंत्र को सही रखता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसके सेवन से डायबिटीज को भी नियंत्रित किया जा सकता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम किया जा सकता है। इसके अलावा यह हार्मोनल बैलेंस और हड्डियों को मजबूत करने में भी मदद करता है।
गर्भावस्था में सही आहार और पूरी नींद लेने से आपको कई लाभ होते हैं। कीवी फल एक बहुत ही पौष्टिक फल है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी और आयरन होते हैं। यह आपके पाचन तंत्र को सही रखता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसके सेवन से डायबिटीज को भी नियंत्रित किया जा सकता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम किया जा सकता है। इसके अलावा यह हार्मोनल बैलेंस और हड्डियों को मजबूत करने में भी मदद करता है।
USDA के अनुसार किवी के प्रमुख पोषक तत्व :-
- Water: 83.1 g
- Energy: 61 kcal (255 kJ)
- Protein: 1.14 g
- Total lipid (fat): 0.52 g
- Carbohydrate, by difference: 14.7 g
- Fiber, total dietary: 3 g
- Sugars, total including NLEA: 8.99 g
- Sucrose: 0.15 g
- Glucose: 4.11 g
- Fructose: 4.35 g
- Galactose: 0.17 g
- Maltose: 0.19 g
- Calcium, Ca: 34 mg
- Iron, Fe: 0.31 mg
- Magnesium, Mg: 17 mg
- Phosphorus, P: 34 mg
- Potassium, K: 312 mg
- Sodium, Na: 3 mg
- Zinc, Zn: 0.14 mg
- Copper, Cu: 0.13 mg
- Manganese, Mn: 0.098 mg
- Selenium, Se: 0.2 µg
- Vitamin C, total ascorbic acid: 92.7 mg
- Thiamin: 0.027 mg
- Riboflavin: 0.025 mg
- Niacin: 0.341 mg
- Pantothenic acid: 0.183 mg
- Vitamin B-6: 0.063 mg
- Folate, total: 25 µg
- Folate, food: 25 µg
- Folate, DFE: 25 µg
- Choline, total: 7.8 mg
- Betaine: 0.5 mg
- Vitamin A, RAE: 4 µg
- Carotene, beta: 52 µg
- Vitamin E (alpha-tocopherol): 1.46 mg
- Vitamin K (phylloquinone): 40.3 µg
- Fatty acids, total saturated: 0.029 g
- Fatty acids, total monounsaturated: 0.047 g
- Fatty acids, total polyunsaturated: 0.287 g
More Recommendations to explore
- अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे Avipattikar Churna ke Fayde
- शुद्धि चूर्ण फायदे और उपयोग Patanjali Shuddhi Churna Benefits Hindi
- पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण और झंडू नित्यम चूर्ण में कौन सा चूर्ण अच्छा है ?
- ब्रोकली के फायदे, उपयोग के तरीके Broccoli Benefits, Uses in Hindi
- एलोवेरा (घृतकुमारी) के फायदे, उपयोग और नुकसान Benefits, Uses of Aloe Vera in Hindi
- गुड़ खाने के फायदे जानिए गुड़़ खाने के बेहतरीन लाभ Gud Khane Ke Ke Fayade
- ब्रोकली की तासीर क्या होती है Broccoli Ki Taseer in Hindi
- ब्रोकली खाने से क्या लाभ होता है What is the benefit of eating broccoli in Hindi
References:
Monte, Allison and Abbot. KIWI FRUIT. Mega Agriculture. [Internet]. June 28, 2000. Available from: https://megagriculture.gov.in/public/package_of_practice_kiwi.pdf .
Sachin Tyagi. Kiwifruit : Health benefits and medicinal importance. Research Gate. [Internet]. Available from: https://www.researchgate.net/publication/316701273_Kiwifruit_Health_benefits_and_medicinal_importance .
Kiwifruit, green, raw. FoodData Central. [Internet]. January 4, 2019. Available from: https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/168153/nutrients .
Vivek Kumar Raman ,Arijit Chaudhuri. Actinidia Deliciosa: A Nature’s Boon to Modern Pharmacotherapeutics. Research Gate. [Internet]. Available from: https://www.researchgate.net/publication/344545197_Actinidia_Deliciosa_A_Nature%27s_Boon_to_Modern_Pharmacotherapeutics .
Kiwi fruit allergy. West Suffolk. [Internet]. September 9, 2020. Available from: https://www.wsh.nhs.uk/CMS-Documents/Patient-leaflets/PaediatricDepartment/6430-1-Kiwi-fruit-allergy.pdf .
Murli Manohar, Alok K. Verma, Sathisha Upparahalli Venkateshaiah, Hemant Goyal and Anil Mishra. Food-induced acute pancreatitis. National Center for Biotechnology Information. [Internet]. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5718054/ .
Sachin Tyagi. Kiwifruit : Health benefits and medicinal importance. Research Gate. [Internet]. Available from: https://www.researchgate.net/publication/316701273_Kiwifruit_Health_benefits_and_medicinal_importance .
Kiwifruit, green, raw. FoodData Central. [Internet]. January 4, 2019. Available from: https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/168153/nutrients .
Vivek Kumar Raman ,Arijit Chaudhuri. Actinidia Deliciosa: A Nature’s Boon to Modern Pharmacotherapeutics. Research Gate. [Internet]. Available from: https://www.researchgate.net/publication/344545197_Actinidia_Deliciosa_A_Nature%27s_Boon_to_Modern_Pharmacotherapeutics .
Kiwi fruit allergy. West Suffolk. [Internet]. September 9, 2020. Available from: https://www.wsh.nhs.uk/CMS-Documents/Patient-leaflets/PaediatricDepartment/6430-1-Kiwi-fruit-allergy.pdf .
Murli Manohar, Alok K. Verma, Sathisha Upparahalli Venkateshaiah, Hemant Goyal and Anil Mishra. Food-induced acute pancreatitis. National Center for Biotechnology Information. [Internet]. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5718054/ .
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल
सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प
नहीं हो सकता। अधिक और विस्तृत जानकारी जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर
से संपर्क करें।