धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय मीनिंग

धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय मीनिंग

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय.
 
Dheere Dheere Re Mana Dheere Sab Kuch Hoy,
Mali Seenche sou Ghada, Ritu Aaye Phal Hoy.
 
धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय मीनिंग Dheere Dheere Re Mana Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ/भावार्थ कबीर साहेब का कथन है की मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है। अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींचने लगे तब भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेगा। इसका मतलब है कि किसी भी काम को करने के लिए समय और धैर्य की आवश्यकता होती है। अगर हम जल्दीबाजी में कोई काम करते हैं, तो वह सही तरीके से नहीं हो पाता। इसलिए, हमें हर काम को धीरे-धीरे और सोच-समझकर करना चाहिए।

कबीर का ईश्वर संबंधी चिंतन निर्गुण, निराकार और सर्वव्याप्त चेतना की ओर इंगित करता है—उनकी दृष्टि में ईश्वर किसी रूप, मूर्ति, स्थान या प्रतीक में सीमित नहीं, बल्कि समस्त सृष्टि में व्याप्त, कारण-कार्य संबंधों से परे, निराकार और अव्यक्त है। कबीर बार-बार दोहराते हैं कि असली सत्य किसी बाहरी तीर्थ, मंदिर, पूजा-पाठ या सामाजिक आडंबर में नहीं, बल्कि आत्मा के भीतर अनुभव करने योग्य है।​ उनके अनुसार सच्चा ईश्वर दिखाई, छूई और समझी जाने वाली किसी आकृति या आवाज़ में नहीं है—बल्कि ‘शब्द’ (परम चेतना/आत्मिक अनुभव) ही परमात्मा है; यह ‘शब्द’ साधना, आंतरिक प्रेम और सतगुरु की कृपा से प्रकट होता है, न कि बाहरी कर्मकांडों से। कबीर स्वयं कहते हैं — यदि सारा समुद्र स्याही बन जाए, सारे वन लेखनी और सारी पृथ्वी कागज बन जाए, फिर भी उस अनंत परमात्मा के गुण नहीं लिखे जा सकते।
 
धीरे-धीरे सब कुछ होता है, इसका अर्थ है कि जीवन के कार्य और फल समय की प्रकृति के अनुसार ही पूर्ण होते हैं। जैसे माली सौ घड़े पानी पेड़ में डालता है, फिर भी फल सही ऋतु, यानी मौसम के आने पर ही लगता है। यह दोहा धैर्य और संयम की शिक्षा देता है कि किसी भी कार्य में जल्दबाजी न करें, बल्कि उचित समय और प्रयास से ही सफलता प्राप्त होती है। यह जीवन के हर क्षेत्र में लागू होता है, जहां स्थिरता, निरंतरता और धैर्य से ही अच्छाई और सफलता प्राप्त होती है। इसलिए मन को समझाना चाहिए कि सब कुछ धीरे-धीरे होगा, अतः संयमित और आशावान बने रहना चाहिए। 



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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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