जीवन में मरना भला जो मरि जानै कोय हिंदी मीनिंग
जीवन में मरना भला, जो मरि जानै कोय,
मरना पहिले जो मरै, अजय अमर सो होय।
Jivan Me Marana Bhala, Jo Mari Jane Koy,
Marana Pahile Jo Mare, Ajay Amar So Hoy,
कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ/भावार्थ
कबीर साहेब का कथन है की विषय विकार में जीवन को बिताने से अच्छा है की मृत्यु को प्राप्त कर ले, मर जाएँ। जो शारीरिक रूप से मरता है उससे पहले यदि वह अपने अहम को मार ले तो वह अजर अमर हो जाता है। इस मानव देह के रहते हुए जो अपने विषय विकार को मार लेता है वह मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। जीते जी मरना, यानि सांसारिक मोह-माया से मुक्त होकर, परम सत्य को प्राप्त करना ही सच्चा जीवन है। जो व्यक्ति सांसारिक मोह-माया से मुक्त हो जाता है, वह अजर-अमर हो जाता है। वह जीवनमुक्त हो जाता है और वह मोक्ष प्राप्त करता है।
इस दोहे में कबीर जी ने दो तरह के मरने की बात की है। पहला मरना शारीरिक मृत्यु है, और दूसरा मरना आध्यात्मिक मृत्यु है। शारीरिक मृत्यु तो सभी को आती है, लेकिन आध्यात्मिक मृत्यु बहुत कम लोगों को आती है। आध्यात्मिक मृत्यु का अर्थ है सांसारिक मोह-माया से मुक्त होना।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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