नींद निशानी मौत की उठ कबीरा जाग हिंदी मीनिंग Neend Nishani Mout Ki Meaning

नींद निशानी मौत की उठ कबीरा जाग हिंदी मीनिंग Neend Nishani Mout Ki Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

नींद निशानी मौत की, उठ कबीरा जाग।
और रसायन छांड़ि के, नाम रसायन लाग॥

Neend Nishani Mout Ki, Uth Kabira Jaag,
Aur Rasayan Chhadi ke, Naam Rasayan Laag.

नींद निशानी मौत की उठ कबीरा जाग हिंदी मीनिंग Neend Nishani Mout Ki Meaning

नींद निशानी मौत की उठ कबीरा जाग हिंदी मीनिंग Neend Nishani Mout Ki Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

नींद मौत की एक संकेत होती है, इस परम तथ्य को समझो और अन्य रसायनों को छोड़कर, हरी सुमिरन में ही तुम अपना ध्यान लगाओ.  कबीर दास ने इस दोहे में कहा है कि नींद (अज्ञान की अवस्था ) एक ऐसी अवस्था है जो हमें मृत्यु की ओर ले जाती है. अज्ञान की नींद में हम अपने जीवन के उद्देश्य से दूर हो जाते हैं और हमारा मन सांसारिक सुखों में खो जाता है. यही सांसारिक सुख हमें मोह-माया में फंसाते हैं और हमें मोक्ष प्राप्ति से रोकते हैं, हरी नाम सुमिरन से रोकते हैं. इसलिए कबीर दास जी कहते हैं कि हमें नींद से जागना चाहिए और राम रसायन का सेवन करना चाहिए. राम रसायन एक ऐसा पदार्थ है जो हमें मोक्ष प्राप्ति की ओर ले जाता है. यह हमें सांसारिक सुखों से मुक्त करता है और हमें ईश्वर के सत्य का अनुभव कराता है.

 
अज्ञानता की नींद

कबीर साहेब ने अज्ञानता की नींद को मृत्यु के समान बताया है. वे कहते हैं कि जब हम अज्ञानता की नींद में होते हैं, तब हम भक्ति से विमुख हो जाते हैं और हमारा मन विषय वासनाओं में लिप्त रहता है. यही सांसारिक सुख हमें मोह-माया में फंसाते हैं और हमें मोक्ष प्राप्ति से रोकते हैं. इसलिए कबीर साहेब कहते हैं कि हमें अज्ञानता की नींद से जागना चाहिए और राम रसायन का सेवन करना चाहिए. राम रसायन एक ऐसा पदार्थ है जो हमें मोक्ष प्राप्ति की ओर ले जाता है. यह हमें सांसारिक सुखों से मुक्त करता है और हमें ईश्वर के सत्य का अनुभव कराता है.
 
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