जौं रोऊँ तौ बल घटै हँसौं तौ राम रिसाइ हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

जौं रोऊँ तौ बल घटै हँसौं तौ राम रिसाइ हिंदी मीनिंग Jo Rou To Bal Ghate Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth, Bhavarth Sahit

जौं रोऊँ तौ बल घटै, हँसौं तौ राम रिसाइ।
मनहीं माँहि बिसूरणां, ज्यूँ धुँण काठहिं खाइ॥ 

Jo Rou To Bal Ghate, Hanso To Ram Risai,
Manahi Mahi Bisurana, Jyu Ghun Kathahi Khai.

जौं रोऊँ तौ बल घटै हँसौं तौ राम रिसाइ हिंदी मीनिंग Jo Rou To Bal Ghate Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

कबीर साहेब के इस दोहे में विरह की स्थिति का चित्रण करते हुए साहेब का कथन है की यदि वह विरह में रोता है तो उसका मानसिक बल घटता है। हँसे तो राम / इश्वर क्रोधित हो उठते हैं और यदि वह कुछ भी ना करे तो वह मन ही मन घुटता रहता है जैसे की घुन लकड़ी को अन्दर ही अन्दर से खाता रहता है। आशय है की विरह की अग्नि में जल रहे साधक की स्थिति विचित्र होती है, उसे प्रकट भी नहीं किया जा सकता है।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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