धनतेरस का महत्व
धनतेरस का हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व है। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं। भगवान धनवंतरी को आयुर्वेद के देवता भी माना जाता है। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन और अन्य कीमती वस्तुओं की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।धनतेरस से जुड़ी अन्य मान्यता
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता हैं और उन्हें अमृत कलश के साथ दर्शाया जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। धनतेरस के दिन कुबेर की पूजा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। कुबेर धन के देवता हैं और उन्हें दक्षिण दिशा का स्वामी माना जाता है। इस दिन कुबेर की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। धनतेरस के दिन दीपदान करने से अज्ञानता का नाश होता है और जीवन में प्रकाश आता है। इस दिन घर में और आसपास दीपक जलाए जाते हैं। धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन लोग सोने, चांदी, तांबे, पीतल आदि के बर्तन खरीदते हैं। धनतेरस का त्योहार धन और समृद्धि के आगमन का प्रतीक है। यह त्योहार लोगों को एक नए साल की शुरुआत करने के लिए प्रेरित करता है।धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिवाली से ठीक दो दिन पहले आता है। इस दिन धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के देवता धन्वंतरी की पूजा की जाती है। धनतेरस को धन का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन लोग नए बर्तन, आभूषण और अन्य घरेलू सामान खरीदते हैं।पूजा सामग्री
- मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर
- भगवान धनवंतरी की प्रतिमा या तस्वीर
- कुबेर जी की प्रतिमा या तस्वीर
- घी का दीपक
- चंदन या कुमकुम
- अक्षत
- फूल
- मिठाई
- फल
- धूप
- दीप
- आरती की थाली
- कुबेर जी का मंत्र: ओम ह्रीं कुबेराय नमः
- धन्वंतरी स्तोत्र
पूजा विधि
- धनतेरस के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को साफ और पवित्र करें।
- उत्तर दिशा में मां लक्ष्मी, भगवान धनवंतरी और कुबेर जी की स्थापना करें।
- घी का दीपक जलाएं और चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं।
- कुबेर जी के मंत्र ओम ह्रीं कुबेराय नमः का 108 बार जाप करें और धन्वंतरी स्तोत्र का पाठ करें।
- इस दिन कुबेर जी को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
- धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन भी अवश्य करें।
- मां लक्ष्मी के समक्ष भी दीपक जलाएं और तिलक लगाएं।
- मां लक्ष्मी और गणेश जी को फल, फूल, मिठाई अर्पित करें।
- इसके बाद मां लक्ष्मी की आरती उतारें।
- धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।
- इस दिन सोने-चांदी के आभूषण खरीदना भी शुभ माना जाता है।
- धनतेरस के दिन कुबेर जी की प्रतिमा या तस्वीर की स्थापना घर के उत्तर-पूर्व दिशा में करना चाहिए।
- कुबेर जी को सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
- धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की आरती उतारनी चाहिए।
धनतेरस की कथा
धनतेरस की कथा के अनुसार, एक बार एक गरीब किसान था। उसके घर में खाने को भी नहीं था। एक दिन वह जंगल में घूम रहा था, तभी उसे एक बूढ़ा व्यक्ति मिला। बूढ़े व्यक्ति ने किसान को बताया कि वह कुबेर का दूत है। उसने किसान को बताया कि अगर वह धनतेरस के दिन कुबेर जी की पूजा करेगा, तो उसे धन-धान्य की प्राप्ति होगी। किसान ने बूढ़े व्यक्ति की बात मान ली और धनतेरस के दिन कुबेर जी की पूजा की। पूजा के बाद उसे धन-धान्य की प्राप्ति हुई और वह एक धनवान व्यक्ति बन गया। धनतेरस के दिन कुबेर जी की पूजा करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इस दिन नए बर्तन, आभूषण और अन्य घरेलू सामान खरीदने से भी आर्थिक उन्नति होती है।
धनतेरस पर करे इन चीजों की करें खरीददारी तो होगा लाभ
धनतेरस के दिन कुछ विशेष चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इनमें से कुछ चीजें निम्नलिखित हैं:माँ लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति
धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदें और दीपावली के दिन इसी का पूजन करें।सोना और चांदी की वस्तुएं
धनतेरस के दिन सोने व चांदी की वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन महिलाएं सोने-चांदी के आभूषण खरीदती हैं, लेकिन यदि आपकी जेब अनुमति ना दे तो आप सोने या चांदी का सिक्का भी खरीद सकते हैं।धातु के बर्तन
इस दिन धातु के बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। विशेषकर चांदी और पीतल को भगवान धन्वंतरी का मुख्य धातु माना जाता है। धनतेरस के दिन चांदी या पीतल के बर्तन खरीदने चाहिए।पानी भरने वाला बर्तन
मान्यता है कि भगवान धन्वंतरी समुद्र मंथन के दौरान हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस के दिन पानी भरने वाला बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।झाड़ू
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से घर से दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।दक्षिणवर्ती शंख, कमलगट्टे की माला, धार्मिक साहित्य या रुद्राक्ष की माला
मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन दक्षिणवर्ती शंख, कमलगट्टे की माला, धार्मिक साहित्य या रुद्राक्ष की माला खरीदना शुभ माना जाता है।प्राणप्रतिष्ठित रसराज पारद श्री यंत्र
धनतेरस के दिन प्राणप्रतिष्ठित रसराज पारद श्री यंत्र घर में लाना बेहद शुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्रीयंत्र खरीदने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।इन चीजों की खरीदारी करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
कब है धनतेरस
हिंदू धर्म त्योहारों का धर्म है। हिंदू धर्म के सभी त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण है। हर त्यौहार किसी न किसी देवी-देवता के प्रति आस्था का प्रतीक है। ऐसे ही दीपावली के त्यौहार को भी बहुत ही श्रद्धा और उल्लास से मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार 5 दिनों का त्यौहार होता है। दीपावली के त्यौहार में धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, अन्नकूट और भैया दूज का विशेष महत्व है। दीपावली को पांच दिवसीय त्यौहार भी कहा जाता है।धनतेरस क्यों मनाई जाती है
- हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाई जाती है। ऐसा माना गया है की इसी दिन भगवान धन्वंतरि ने समुद्र मंथन के पश्चात अमृत कलश निकाला था।
- धनतेरस भगवान धन्वंतरि के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
- धनतेरस के दिन ही भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था और वह अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी के साथ ही भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है।
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदी हुई वस्तु 13 गुना हो जाती है। इसलिए धनतेरस पर खरीदारी की जाती है। - धनतेरस का पर्व सुख, समृद्धि, सौभाग्य, स्वास्थ्य और धन का पर्व होता है।
- इस वर्ष धनतेरस का पर्व कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि जो की 10 नवंबर को है मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12:35 से 11 नवंबर को दोपहर 01:57 तक रहेगी। धनतेरस का पर्व इस वर्ष 10 नवंबर के दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन की गई पूजा से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। धनतेरस पर आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि का भी पूजन होता है। जिससे हमें स्वास्थ्य लाभ होता है। इसी दिवस को भगवान धन्वंतरि का जन्म दिवस भी होता है। भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी धनतेरस के दिन ही समुद्र मंथन के पश्चात अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे
भगवान धन्वंतरी का मंत्र
ओम नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:दुसरा मंत्र
अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवन्तरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
ओम धन्वंतरये नमः
कौन हैं भगवान धन्वंतरी
भगवान धन्वंतरी देवताओं के वैद्य और आयुर्वेद के जनक हैं। उन्हें भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। वे चार भुजाओं वाले हैं। अपने हाथों में चक्र, शंख, औषधि, जलूका और अमृत कलश धारण करते हैं। वे सभी औषधियों और वनस्पतियों के अधिपति देव हैं। उनकी आराधना करने वाले को उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है। वे रोगी को आरोग्य का वरदान देते हैं।धन्वंतरी की कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान वे अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। अमृत कलश के प्रकट होने से देवताओं और असुरों में युद्ध छिड़ गया। देवताओं ने भगवान विष्णु को अमृत कलश को सुरक्षित रखने के लिए कहा। भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया और अमृत कलश को लेकर देवताओं के पास पहुंच गए। इस प्रकार देवताओं ने अमृत पीकर अमरत्व प्राप्त किया।
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग नए बर्तन, आभूषण और अन्य घरेलू सामान खरीदते हैं। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
Author - Saroj Jangir
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