रामायण कथा में वर्णित प्रसंग के अनुसार, हनुमान जी ने लंका में विभीषण के घर के आंगन में तुलसी का पौधा देखा था। इससे पता चलता है कि तुलसी पूजन की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। तुलसी पूजन की प्रथा के पीछे कई कारण हैं। आपने इन कारणों को बहुत अच्छी तरह से समझाया है। तुलसी पूजन की प्रथा के पीछे निम्नलिखित कारण हैं: धार्मिक कारण: तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में पूजा जाता है। इसलिए, तुलसी पूजन से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। सामाजिक कारण: तुलसी को सुख-समृद्धि और आरोग्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, तुलसी पूजन से घर में सुख-समृद्धि और आरोग्य आता है। औषधीय कारण: तुलसी एक औषधीय पौधा है। इसलिए, तुलसी पूजन से स्वास्थ्य लाभ होता है। तुलसी पूजन एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथा है। यह प्रथा हमें आध्यात्मिक और शारीरिक दोनों तरह से लाभ पहुंचाती है।
तुलसा मगन हुई राम गुण गाके लिरिक्स Tulasa Magan Hui Ram Gun Gake Lyrics
तुलसा मगन हुई,राम गुण गाके,
राम गुण गाके,
हरि के गुण गाके,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके।
कौन चले पैया पैया,
चींटी को बचाए के,
कौन चले घोड़ा हाथी,
पालकी सजा के,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके
राम गुण गाके,
हरि के गुण गाके,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके।
साधु चले पैया पैया,
चींटी को बचाकर,
राम चले घोड़ा हाथी,
पालकी सजा के,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके
राम गुण गाके,
हरि के गुण गाके,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके।
कौन खावे लड्डू पेड़ा,
बर्फी सजा के,
कौन खावे बासी टुकड़े,
दिल से लगाए के,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके,
राम गुण गाके,
हरि के गुण गाके,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके।
राम खावे लड्डू पेड़ा,
बर्फी सजाए के,
साधु खावे बासी टुकड़े,
हृदय से लगाए थे,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके
राम गुण गाके,
हरि के गुण गाके,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके।
कौन सोवे सूत के पलका,
तकिया लगा के,
कौन सोवे धरती पर,
आसन लगाए के,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके
राम गुण गाके,
हरि के गुण गाके,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके।
राम सोवे सूत के पलका,
तकिया लगाए के,
साधु सोवे धरती पर,
आसन लगाए के,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके
राम गुण गाके,
हरि के गुण गाके,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके।
कौन पीवे दूध के लोटा,
माखन मिश्री डालके,
कौन पीवे ठंडा पानी,
हृदय से लगाएं के,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके,
राम गुण गाके,
हरि के गुण गाके,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके।
राम पीवे दूध के लोटा,
माखन मिश्री डालके,
साधु पीवे ठंडा पानी,
हृदय से लगाए के,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके,
राम गुण गाके,
हरि के गुण गाके,
तुलसा मगन हुई,
राम गुण गाके।