धरती सतिया री राजस्थान वहां पे मेरा प्राण बसता भजन

धरती सतिया री राजस्थान वहां पे मेरा प्राण बसता भजन

धरती सतिया री राजस्थान,
वहां पे मेरा प्राण बसता,
वहां झुंझुनु है एक धाम,
जहां पे मेरा प्राण बसता।

मन करे झुंझुनु में बस जाऊं,
मैया को नित भजन सुनाऊं,
जाने कब होंगे पूरे अरमान,
जहां पे मेरा प्राण बसता।

जब भी मेरा मन घबराए,
दादी नाम ही पार लगाए,
कष्ट टल जाते लेते ही नाम,
जहां पे मेरा प्राण बसता।

दुनिया में कोई स्वर्ग कहीं है,
झुंझुनूं है, ये बात सही है,
दिनेश माने इसे चारों धाम,
जहां पे मेरा प्राण बसता।

धरती सतिया री राजस्थान,
वहां पे मेरा प्राण बसता,
वहां झुंझुनु है एक धाम,
जहां पे मेरा प्राण बसता।


धरती सतियां री !! मैया का बहुत ही प्यारा भजन ।। गायक - दिनेश सरावगी !! जय माता दी 🙏

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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