थारी चुनड़ दादी जी लहर लहर लहराई रही भजन

थारी चुनड़ दादी जी लहर लहर लहराई रही भजन

थारी चुनड़ दादी जी लहर लहर लहराई रही,
भादी मावस जद भी आवे मन म्हारा हर्षावे,
थारी चुनड़ की छाया मां सभी सुहागन चाहवे,
सब मिल कर दादी जी थारी चुनड़ी ओढ़ाई रही,
थारी चुनड़ दादी जी लहर लहर लहराई रही।

सभी सुहागन बाग में मैया थाने खूब सजावे,
करें सोला सिंगार थारे हाथां मेहंदी रचावे,
सब मिल कर ज्योत लवे दादी जी मंगल गाये रही,
थारी चुनड़ दादी जी लहर लहर लहराई रही।

थारी आंचल की छाया मां म्हारे सिर पर वारो,
कहे गोपाल के टाबरियां पर प्यार लुटा दो थारो,
थारी किरपा दादी जी या म्हाने तो नचावे रही,
थारी चुनड़ दादी जी लहर लहर लहराई रही।

भादी मावस जद भी आवे मन म्हारा हर्षावे,
थारी चुनड़ की छाया मां सभी सुहागन चाहवे,
सब मिल कर दादी जी थारी चुनड़ी ओढ़ाई रही,
थारी चुनड़ दादी जी लहर लहर लहराई रही।


चुनड लहर लहराय रही | DHANDHAN DHAM | Chunar Lahar Lahrai Rahi | Usha Salampuria

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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