मेरे सिरहाने खड़ी है दादी सर पे हाथ फिराती है भजन

मेरे सिरहाने खड़ी है दादी सर पे हाथ फिराती है भजन

जब जब मेरा मन घबराए,
और तक्लीफ सताती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है।

लोग ये समझें मैं हूं अकेला,
लेकिन साथ में मैया है,
लोग ये समझें डूब रहा मैं,
चल रही मेरी नैया है,
जब-जब तूफ़ान आते हैं,
ये खुद पतवार चलाती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है।

जिसके आंसू कोई न पोंछे,
कोई न जिसको प्यार करे,
जिसके साथ ये दुनिया वाले,
मतलब का व्यवहार करे,
दुनिया जिसे ठुकराती है उसको,
दादी गले लगाती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है।

प्रीत की डोर बंधी दादी से,
जैसे दीपक बाती है,
कदम कदम पर रक्षा करती,
यह सुख दुख की साथी है,
संजू जब रस्ता नहीं सूझे,
प्रेम का दीप जलाती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है।

जब जब मेरा मन घबराए,
और तकलीफ सताती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है।


Jab Jab Mera Mann Ghabraaye | Rani Sati Dadi Bhajan | Dadiji Ke Bhajan | Madhuri Madhukar | Bhajan

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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