राधाजी के पायल के घुंघरू लिरिक्स Radhaji Ke Payal Ke Ghunghru Lyrics

राधाजी के पायल के घुंघरू लिरिक्स Radhaji Ke Payal Ke Ghunghru Lyrics


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राधाजी के पायल के घुंघरू,
नृत्य करते बिखर गये,
श्यामा जी के पायल के घुंघरू,
नृत्य करते बिखर गये।

नव निधि कुञ्ज में नृत्य करे,
तो प्रीतम संग राधा प्यारी,
अद्भुत छवि है नित रास की,
जाये सखी सब बलहारी,
तेरी टूटी पायल बिखरे घुंघरू,
घुंघरू बिखर के किधर गये,
श्यामा जी के पायल के घुंघरू,
नृत्य करते बिखर गये।

मन मोहन मन में मलिन,
अति व्याकुलता भारी छाई,
नूपुर चौंक सुने नहीं तो,
कही पायल भी अति अकुलाई,
खोये किधर अनमोल वो,
घुंघरू इधर गये के उधर गये,
श्यामा जी के पायल के घुंघरू,
नृत्य करते बिखर गये।

श्री ललिता सखी सहजारी,
ढूंढ रही मिल कर घुंघरू,
सुनी पायल बिन घुंघरू के,
बंधे नहीं पग पे घुंघरू,
ना जाने ये कैसे बंधे,
पायल से कैसे उतर गये,
श्यामा जी के पायल के घुंघरू,
नृत्य करते बिखर गये।

सावन का राधा कृष्ण का मनमोहक भजन || राधाजी के पायल के घुंघरू || Shyamaji Ke Payal Ke Ghungru

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