माँ बाप ने अपनी कमाई बच्चो पे लुटाई
माँ बाप ने अपनी कमाई बच्चो पे लुटाई
मां~बाप ने अपनी कमाई, बच्चों पे लुटाई,
अपना निवाला वो छोड़, भूख सबकी मिटाई।।
दुनिया में आया है, तो किसके पीछे आया है,
मां ने अगर ये सोचा, जनम तूने पाया है,
अब सोच ले तू एक बार, उपकार किया है।।
कहा है ये हमने सभी से, मां ही एक रचैया है,
पिता के ना जैसा कोई, और ना खिवैया है,
जीवन भी दिया है उधार, उसका कर्ज़ चुका ले।।
कहती है भारती जग से, मां के जैसा कोई नहीं,
सब कुछ तो मिल जाता है, मां के जैसा प्यार नहीं,
संदीप करे है प्रचार, अब समझ ले प्यारे,
मां~बाप ने अपनी कमाई, बच्चों पे लुटाई।।
अपना निवाला वो छोड़, भूख सबकी मिटाई।।
दुनिया में आया है, तो किसके पीछे आया है,
मां ने अगर ये सोचा, जनम तूने पाया है,
अब सोच ले तू एक बार, उपकार किया है।।
कहा है ये हमने सभी से, मां ही एक रचैया है,
पिता के ना जैसा कोई, और ना खिवैया है,
जीवन भी दिया है उधार, उसका कर्ज़ चुका ले।।
कहती है भारती जग से, मां के जैसा कोई नहीं,
सब कुछ तो मिल जाता है, मां के जैसा प्यार नहीं,
संदीप करे है प्रचार, अब समझ ले प्यारे,
मां~बाप ने अपनी कमाई, बच्चों पे लुटाई।।
माँ बाप की कमाई | Maa Baap Ki Kamaai | माँ बाप के अपने बच्चो पर उपकार | New Bhajan | Bharti Kumawat
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Admin - Saroj Jangir
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