अनमांगा उत्तम कहा मध्यम माँगि जोलेय हिंदी मीनिंग
अनमांगा उत्तम कहा, मध्यम माँगि जोलेय |
कहैं कबीर निकृष्टि सो, पर घर धरना देय ||
Anmanga Uttam Kaha, Madhyam Mangi Jo Ley,
Kahe Kabir Nikrisht So, Par Dhar Dharna Dey.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब के मतानुसार किसी से माँगना ठीक नहीं है। यदि बिना मांगे कुछ मिल जाए तो वह श्रेष्ठ है यदि किसी कारण से माँगना भी पड जाए तो वह माध्यम है। पराये घर पर धरना देकर बैठना निकृष्ट है/अधम है। आशय है की किसी से कुछ माँगना चाहिए बिना मांगे यदि कुछ मिलता है तो वह ठीक है। कबीर दास जी इस दोहे में भीख मांगने के तीन प्रकारों का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि बिना माँगे मिला हुआ उपहार उत्तम होता है। माँगा कर लिया गया उपहार मध्यम होता है। और किसी के घर धरना देकर हठपूर्वक माँगना महापाप है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- जगत जहंदम राचिया मीनिंग Jagat Jhandam Rachiya Meaning Kabir Dohe
- कबीर यहु तौ एक है पड़दा दीया भेष मीनिंग Kabir Yahu To Ek Meaning Kabir Dohe
- भरम न भागा जीव का मीनिंग Bharam Na Bhaga Jeev Meaning Kabir Dohe
|
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
|