अन्नदाता थारो खुडद सुहाणो सा भजन लिरिक्स

अन्नदाता थारो खुडद सुहाणो सा Anndata Tharo Khudad Suhano Bhajan


अन्नदाता थारो खुडद सुहाणो सा लिरिक्स Anndata Tharo Khudad Suhano Bhajan Lyrics

अन्नदाता थारो खुडद सुहाणो सा,
भवानी मंढ लागे मन भाणो सा।

रतनू कुण सागर घर जनमी मां,
बढ़ ठाकर गांव ठीकाणो सा।

धिन धिन धरती मोतियां सूं महंगी है,
धोरा मरूधर मान बढाणो सा।

करणी समोन कला सकलाई है,
लागे बिल्कुल दूजो देशाणो सा।

मुख पर नूर मूरत अति उज्जवल है,
तन धारयो भैष मर्दानों सा।

सुरग समान मंदिर की शोभा है,
रमे सगतयां अखाड़े रलियाणो सा।

मीसण महेश पेट भर मांगू मां,
बगसो भोजन अन्न दाणों सा।


New Indar Baisa Chirja | इंद्र माँ रो खुड़द सुहानो | इन्दर बाईसा की शानदार चिरजा | Daleep Danodiya


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