बैठे हरि राधा संग कुंजभवन लिरिक्स Baithe Hari Radha Sang Bhajan Lyrics
बैठे हरि राधा संग,
कुंजभवन अपने रंग कर,
मुरली अधर धरे,
सारंग मुख गाई।
मोहन अतिही सुजान,
परम चतुर गुणनिधान,
जानबूझ एक तान,
चूक के बजाई।
प्यारी जब गह्यो बीन,
सकल कला गुणप्रवीण,
अतिनवीन रूपसहित,
वही तान सुनाई।
वल्लभ गिरिधरनला,
रिझ दई अंकमाल कहत,
भलें भलें लाल सुंदर सुखदाई।
कुंजभवन अपने रंग कर,
मुरली अधर धरे,
सारंग मुख गाई।
मोहन अतिही सुजान,
परम चतुर गुणनिधान,
जानबूझ एक तान,
चूक के बजाई।
प्यारी जब गह्यो बीन,
सकल कला गुणप्रवीण,
अतिनवीन रूपसहित,
वही तान सुनाई।
वल्लभ गिरिधरनला,
रिझ दई अंकमाल कहत,
भलें भलें लाल सुंदर सुखदाई।
Baithe Hari Radha Sang | Kirtan | Pushtiras
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