जनीता बुझा नहीं बुझि लिया नहीं गौन हिंदी मीनिंग Janita Bujha Nahi Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth
जनीता बुझा नहीं बुझि, लिया नहीं गौन।अंधे को अंधा मिला, राह बतावे कौन॥
Janita Bujha Nahi Bujhi Liya Nahi Goun,
Andhe Ko Andh Mila, Rah Batave Koun.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब कहते हैं की जानते हुए, समझते हुए, ज्ञान पर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में कुछ ऐसा है की अंधे को जब अँधा मिलता है तो साधक को राह कौन बताएं। जब गुरु अज्ञानी हो, तो वह कैसे अपने शिष्य को राह बता सकता है। कबीर दास जी का यह दोहा भी गुरु और शिष्य के संबंध पर ही केंद्रित है। इस दोहे में वे कहते हैं कि जिसने विवेकी गुरु से ज्ञान और समझ प्राप्त कर ली, लेकिन उस ज्ञान को आत्मसात नहीं किया, तो वह भी अविवेकी हो गया। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुरु का ज्ञान केवल तभी उपयोगी होता है जब उसे शिष्य अपना अनुभव बना ले, उनके बताये मार्ग का अनुसरण करे.
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