जेही खोजत ब्रह्मा थके सुर नर मुनि अरु देव हिंदी मीनिंग

जेही खोजत ब्रह्मा थके सुर नर मुनि अरु देव हिंदी मीनिंग Jehi Khojata Brahma Thake Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

जेही खोजत ब्रह्मा थके, सुर नर मुनि अरु देव।
कहैं कबीर सुन साधवा, करू सतगुरु की सेवा॥
 
Jehi Khojata Brahma Thake, Sur Nar Muni Aru Dev,
Kahe Kabir Sun Sadhva, Karu Satgur Ki Seva,
 
जेही खोजत ब्रह्मा थके सुर नर मुनि अरु देव हिंदी मीनिंग Jehi Khojata Brahma Thake Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

भक्ति के विषय में कबीर साहेब का कथन है की जिस पूर्ण ब्रह्म को खोजते हुए सुर नर मुनि और देवता भी थक गए हैं। कबीर साहेब कहते हैं की सुनों साधक, सतगुरु की सेवा से ही भक्ति सम्भव हो पाती है। इस दोहे में संत कबीरदास जी मोक्ष की प्राप्ति के लिए सद् गुरु की सेवा करने के महत्व को बता रहे हैं। वे कहते हैं कि जिस मुक्ति को खोजते हुए ब्रह्मा, देवता, मुनि और मनुष्य सभी थक गए हैं, वह मुक्ति सद् गुरु की सेवा से प्राप्त की जा सकती है। ब्रह्मा, देवता, मुनि और मनुष्य सभी मोक्ष की प्राप्ति के लिए तपस्या करते हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलती है। क्योंकि वे सही मार्ग नहीं जानते हैं। सद् गुरु ही हमें सही मार्ग दिखा सकते हैं। अतः सतगुरु की सेवा ही भक्ति का मार्ग है

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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