काया महंगी तो मिली रे भाया राम भज ले लिरिक्स
काया महंगी तो मिली रे,
भाया राम भज ले,
कारीगर करतार न रे,
काया घड़ दी थारी।
पांच तत्व और तीन गुना की,
रचना रचदी न्यारी,
थारा घाट में गिरधर बोले रे,
तू ध्यान धर ले,
काया महंगी तो मिली रे,
भाया राम भज ले।
हाड़ मांस को बणयो पिंजरो,
भरयो मूत्र और मैलो,
ऊपर जड़ियो चामड़ो रे,
देख भयो है गेल्यो,
झेलो राम नाम को ले लो,
भाया दूरी तज दे,
काया महंगी तो मिली रे,
भाया राम भज ले।
या काया थारी पावनी रे,
फिर पाछी नहीं आवणी,
भक्ति करले भगवत भजले,
विरथा नहीं गमावणी,
पल पल बीते रे उमरिया,
तू सुकरत कर ले,
काया महंगी तो मिली रे,
भाया राम भज ले।
माता-पिता और नारी पुत्र,
तेरे काम नहीं आवे,
सगा संबंधी मित्र भायला,
तकता ही रह जावे,
जाणो एक लो पडलो,
जारों गम कर ले,
काया महंगी तो मिली रे,
भाया राम भज ले।
धरा धाम और कंचन काया,
झूठी जग की माया,
पडत देख मत भूले रे भाया,
नकली रंग चढ़ाया,
सांचो राम नाम को हीरो,
मुलजी हृदय धर ले,
काया महंगी तो मिली रे,
भाया राम भज ले।
चेतावनी भजन । काया महंगी तो मिली रे भाया राम भज ले। काया का सुन्दर भजन।#राम#भजन#मारवाड़ी#bhajan
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