किसी और की चाबी नहीं लगे लिरिक्स Kisi Aur Ki Chabi Nahi Lage Bhajan
किसी और की चाबी नहीं लगे,
मेरी किस्मत के ताले पे,
बरसों से बरसों से,
बरसों से पीछे पड़े हुए,
इस चाबी बनाने वाले के।
ताला तो बनाया विधाता ने,
पर चाबी बनाना भूल गया,
ताले का ताले का नंबर याद नहीं,
ताले लटकाने वाले के,
किसी और की चाबी नहीं लगे,
मेरी किस्मत के ताले पे।
कल भी थे लटके लटकाए,
आज भी लटके लटकाए,
पहले लटकाया ताले ने,
और अब इस बंसी वाले ने।
पहले तो विधाता भूल गया,
और बाद में हम भी भूल गए,
हम तो चक्कर में आ गए जी,
चक्र चलाने वाले के,
किसी और की चाबी नहीं लगे,
मेरी किस्मत के ताले पे।
एहसान किया है विधाता ने,
जो चाबी बनाना भूल गया
चाबी के चक्कर में देखो,
हम हो गये मुरली वाले के,
किसी और की चाबी नहीं लगे,
मेरी किस्मत के ताले पे।
बनवारी तमन्ना बदल गयी,
ये ताला पड़ा है तो पड़ा ही रहे,
जीवन भर पीछे पड़े रहे,
इस चाबी बनाने वाले के,
किसी और की चाबी नहीं लगे,
मेरी किस्मत के ताले पे,
बरसों से बरसों से,
बरसों से पीछे पड़े हुए,
इस चाबी बनाने वाले के।
New Kahtu Shyam Bhajan ~किसी और की चाबी नहीं लगे मेरी किस्मत के ताले पे ~Jaishankar Choudhary
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Author - Saroj Jangir
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