नन्हे नन्हे पांव में है सोने की पैजनियां
नन्हे नन्हे पांव में है सोने की पैजनियां
शेष गणेश महेश दिनेश,
सुरेश भुजाए निरंतर गावे,
जाए अनादि अनंत अखंड,
अभेद अच्छेद सुभेद बतावे,
ताहे अहिर की छोहरिया,
छछिया भर छाछ पर नाच नचावे।
नन्हे नन्हे पांव में है सोने की पैजनियां,
रुनझुन बोले श्याम तेरे अंगना,
भई रे विभोर खुशी मन में हिलोर मारे,
इत उत डग मग चले ललना।
तक तक एकटक जशोमती मैया मन,
भूलो सब कुछ रही सुध बुध ना।
गिरत पड़त फिर उठत पड़त पग,
जशोमती मैया को देखे ललना।
कभी मुस्काये कभी रोनो सो बनाए मुख,
अद्भुत लीला दिखलाये ललना,
मन भाये ललना।
नन्हे नन्हे पांव में है सोने की पैजनियां,
रुनझुन बोले श्याम तेरे अंगना,
भई रे विभोर खुशी मन में हिलोर मारे,
इत उत डग मग चले ललना।
खनके है कंगना जो नन्हें से उठाए हाथ,
मैया और लटपट भागे कन्हाई,
पाये ना त्रिलोक में जो खुशी इसी लोक में ही,
यशोदा के अरे देखो आन समाई,
बड़ भागी तू माई।
नन्हे नन्हे पांव में है सोने की पैजनियां,
रुनझुन बोले श्याम तेरे अंगना,
भई रे विभोर खुशी मन में हिलोर मारे,
इत उत डग मग चले ललना।
धीमे धीमे तुतलाये कछु ना समझ आये,
हर बोल मिश्री सो मीठो है लागे,
जिन जिन अंखियों ने देखो बाल श्याम रूप,
उनके तो कोटि कोटि पुण्य है जागे,
श्याम न्यारो लागे।
नन्हे नन्हे पांव में है सोने की पैजनियां,
रुनझुन बोले श्याम तेरे अंगना,
भई रे विभोर खुशी मन में हिलोर मारे,
इत उत डग मग चले ललना।
तक तक एकटक जशोमती मैया मन,
भूलो सब कुछ रही सुध बुध ना।
सुरेश भुजाए निरंतर गावे,
जाए अनादि अनंत अखंड,
अभेद अच्छेद सुभेद बतावे,
ताहे अहिर की छोहरिया,
छछिया भर छाछ पर नाच नचावे।
नन्हे नन्हे पांव में है सोने की पैजनियां,
रुनझुन बोले श्याम तेरे अंगना,
भई रे विभोर खुशी मन में हिलोर मारे,
इत उत डग मग चले ललना।
तक तक एकटक जशोमती मैया मन,
भूलो सब कुछ रही सुध बुध ना।
गिरत पड़त फिर उठत पड़त पग,
जशोमती मैया को देखे ललना।
कभी मुस्काये कभी रोनो सो बनाए मुख,
अद्भुत लीला दिखलाये ललना,
मन भाये ललना।
नन्हे नन्हे पांव में है सोने की पैजनियां,
रुनझुन बोले श्याम तेरे अंगना,
भई रे विभोर खुशी मन में हिलोर मारे,
इत उत डग मग चले ललना।
खनके है कंगना जो नन्हें से उठाए हाथ,
मैया और लटपट भागे कन्हाई,
पाये ना त्रिलोक में जो खुशी इसी लोक में ही,
यशोदा के अरे देखो आन समाई,
बड़ भागी तू माई।
नन्हे नन्हे पांव में है सोने की पैजनियां,
रुनझुन बोले श्याम तेरे अंगना,
भई रे विभोर खुशी मन में हिलोर मारे,
इत उत डग मग चले ललना।
धीमे धीमे तुतलाये कछु ना समझ आये,
हर बोल मिश्री सो मीठो है लागे,
जिन जिन अंखियों ने देखो बाल श्याम रूप,
उनके तो कोटि कोटि पुण्य है जागे,
श्याम न्यारो लागे।
नन्हे नन्हे पांव में है सोने की पैजनियां,
रुनझुन बोले श्याम तेरे अंगना,
भई रे विभोर खुशी मन में हिलोर मारे,
इत उत डग मग चले ललना।
तक तक एकटक जशोमती मैया मन,
भूलो सब कुछ रही सुध बुध ना।
Nanhe Nanhe Paon Mein | Krishna Bhajan | Anup Jalota | Times Music Spiritual
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अनूप जलोटा एक विख्यात भारतीय गायक और संगीतकार हैं, जिन्हें मुख्य रूप से 'भजन सम्राट' के रूप में जाना जाता है, और जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत तथा भक्ति संगीत को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका जन्म 1953 में नैनीताल में हुआ था और उन्होंने अपना करियर भक्ति गीतों और ग़ज़लों को गाकर शुरू किया। जलोटा जी की गायन शैली सरल, मधुर और भावपूर्ण है, जो श्रोताओं को सहज ही ईश्वर भक्ति से जोड़ देती है। उनके सबसे प्रसिद्ध भजनों में "ऐसी लागी लगन" और "रंग दे चुनरिया" शामिल हैं, जिन्होंने उन्हें देश-विदेश में अपार ख्याति दिलाई। संगीत के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।
Bhajan - Nanhe Nanhe Paon Mein
Singer - Anup Jalota
Composer - Dinesh Kumar Dube
Lyrics - Mohan Sharma
Language - Hindi
Label - Times Music Spiritual
Singer - Anup Jalota
Composer - Dinesh Kumar Dube
Lyrics - Mohan Sharma
Language - Hindi
Label - Times Music Spiritual
