पतंजलि दिव्य आमवातारि रस के फायदे Patanjali Divya Aamvatari Ras Ke Fayde Upyog
हमारे लिए आयुर्वेद औषधीयों का भंडार है। आयुर्वेद की कई औषधीयां हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होती है। कुछ औषधीयों का संयोजन हमारे लिए वरदान होता है। कई औषधीयां शरीर के आम, वात और कफ अथार्त त्रिदोष को दूर करती है। आज हम एक ऐसी ही औषधि के बारे में जानेंगे जो शरीर के आम दोष को दूर करती है तथा पाचन को दुरुस्त करती हैं। आम से होने वाले वातदोषों को भी इसके सेवन से दूर किया जा सकता है।पतंजलि दिव्य आमवातारि रस के सेवन से होने वाले फायदे
- पतंजलि दिव्य आमवातारि रस के सेवन से जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत मिलती हैं।
- यह गठिया जैसी समस्याओं में बहुत ही प्रभावशाली होता है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस में बहुत ही कारगर औषधि है।
- इसके सेवन करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है।
- इस औषधि का सेवन करने से शरीर में होने वाली वात में कमी आती है।
- यह पीठ दर्द में भी राहत प्रदान करता है।
- यह शरीर में होने वाली सूजन को कम करता है।
- यह पाचन को दुरुस्त बनता है।
- यह गर्दन दर्द और कंधे के दर्द को दूर करने में भी सहायक है।
- यह पाचन विकारों को दूर कर पाचन क्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करता है।
- पतंजलि दिव्य आमवातारि रस का सेवन करने से आम तथा वात दोष दूर होते हैं।
- आमवातारि रस जठराग्नि को प्रदीप्त कर पाचन प्रक्रिया को सुधारता है।
पतंजलि दिव्य आमवातारि रस के घटक
पतंजलि आयुर्वेद की इस औषधि में कई ऐसे घटक पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने में बहुत ही लाभदायक होते हैं। जिससे शरीर में आम दोष नहीं होता है। यह औषधि वात दोष में भी कारगर होती है। आईए जानते हैं पतंजलि दिव्य आमवातारि रस में किन घटकों का उपयोग किया जाता है- शुद्ध पाराShuddha Parad ,
- शुद्ध गंधक Shudha Gandhak ,
- आंवला Triphala,
- हरड,
- बहेड़ा,
- चित्रक मूल की छाल Chitrak mool ,
- शुद्ध गुग्गुल Shudha Guggul ,
- अरंडी का तेल Erand Tail ।
अमावतारी रस सामग्री घटक Amavatari Ras ingredients
- रस ( Rasa ): शुद्ध पारद (Shuddha Parad) - 10 ग्राम (gram)
- शुद्ध गंधक (Shuddha Gandhaka): 20 ग्राम (gram)
- हरड़ (Haritaki): 10 ग्राम (gram)
- बहेड़ा (Bibhitaki): 10 ग्राम (gram)
- आँवला (Amalaki): 10 ग्राम (gram)
- चित्तरक (Vahni): 40 ग्राम (gram)
- गुग्गुल (Guggulu): मात्रा आवश्यकतानुसार (maatraniyatanusar) - पीसने के लिए पर्याप्त (peesne ke liye paryapt)
- एरंड का तेल (Erandataila): मात्रा आवश्यकतानुसार (maatraniyatanusar) - पीसने के लिए पर्याप्त (peesne ke liye paryapt)
पतंजलि दिव्य आमवातारि रस का सेवन कैसे करें
पतंजलि दिव्य आमवातारि रस का सेवन करने से पहले आप आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले ले।वैसे साधारणतया खाने के पश्चात एक से दो गोली का सेवन गुनगुने पानी के साथ किया जाता है। छोटे बच्चों को इस औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए। गर्भवती स्त्रियां इस औषधि का सेवन करने से पहले अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अवश्य ले लें। अगर आप किसी भी एलोपैथी या अन्य किसी दवाई का सेवन कर रहे हैं तो अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह उपरांत ही पतंजलि आमवातारि रस का सेवन करें। 250 - 500 मिलीग्राम दिन में एक या दो बार, भोजन से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार। इसे पारंपरिक रूप से शहद, गर्म पानी के साथ दिया जाता है।
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पतंजलि के अनुसार दिव्य आमवातारि रस के फायदे
दिव्या अम्वातारी रस गठिया की समस्या, चाहे वो रुमेटॉयड अर्थराइटिस हो या ऑस्टियोआर्थराइटिस, दोनों में ही फायदेमंद है. शहरों में रहने की वजह से हमारी डाइट और दिनचर्या ऐसी हो गई है कि शरीर में गंदगी जमा हो जाती है और जोड़ों में दर्द रहने लगता है. लेकिन, दिव्या अम्वातारी रस में इस्तेमाल की गईं जड़ी-बूटियों में सूजन कम करने (एंटी-इन्फ्लेमेटरी) के गुण होते हैं और कैल्शियम भी प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. ये जड़ी-बूटियां हड्डियों को मजबूत बनाने, सूजन कम करने, जोड़ों के दर्द को दूर करने, शरीर को लचीला बनाने और जमे हुए गंदगी को बाहर निकालने में मदद करती हैं.
Divya Amvatari Ras is an effective remedy for both rheumatoid arthritis and osteoarthritis. Due to our dietary habits and sedentary lifestyles in urban areas, our bodies are often prone to toxin buildup and joint pain. However, the anti-inflammatory properties and natural calcium content of the herbs in Divya Amvatari Ras can help strengthen your bones, reduce inflammation, alleviate joint pain, enhance flexibility, and eliminate toxins from your system.
सन्दर्भ /Reference
- भैषज्य रत्नावली आमवाता रोगाधिकारा Bhaishajya Ratnavali Amavata Rogadhikara 180 – 181
रसगन्धौ वरवह्नि गुग्गुलुः क्रमवर्धिताः।
एतदेरण्डतैलेन श्लक्षणचूर्णं प्रपशयेत् ॥69॥
कर्षोऽस्यारण्डतैलेन हन्त्युष्णजलपायिनम्।
अम्वातमतीवोग्रं दुग्धमुद्गादि वर्जयेत् ॥70॥
निर्माता
डाबर, बैद्यनाथ, दिव्या फार्मेसी आदि।
अमावतारी रस उपयोग Amavatari Ras Uses
- इसका उपयोग रुमेटीइड गठिया और ऑस्टियो गठिया के उपचार में किया जाता है। यह दर्द, सूजन से राहत दिलाने में उपयोगी है और जोड़ों के दर्द में लाभकारी है।
- वायरल बुखार के बाद, जब रोगी शरीर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत को दूर करने में लाभकारी है।
- बर्साइटिस, बर्साइटिस ट्रोकेनटेरिका आदि विकारों में गुणकारी है।
- कंधे और कमर के दर्द में लाभकारी है।
- जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए।
अमावतारी रस भंडारण और सुरक्षा जानकारी Amavatari Ras Storage and Safety Information
- अमावतारी रस के भंडारण और सुरक्षा संबंधी जानकारी इस प्रकार है:
- इस ओषधि के उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
- ओषधि को बच्चों से दूर रखें
- इस ओषधि का उपयोग चिकित्सकीय देखरेख में ही करना चाहिए।
- इस ठंडी और सूखे स्थान पर रखें।
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin),
is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a
diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me,
shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak
Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has
presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple
and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life
and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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