जीवन जोबन राज मद अविचल रहै न कोय हिंदी मीनिंग Jivan Joban Raj Mad Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
जीवन जोबन राज मद, अविचल रहै न कोय |
जु दिन जाय सत्संग में, जीवन का फल सोय ||
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
मानव जीवन, जवानी तथा राज्य का भेद कोई भी स्थाई नहीं होते हैं, सदा के लिए नहीं होते हैं। एक रोज ये समाप्त हो जाने हैं। जिस दिवस हम सत्संग में जाते हैं वही जीवन सफल है। अतः मानव जीवन का औचित्य इसी में है की हम नित्य हरी के नाम का सुमिरन करें, संतजन के सानिध्य में रहें। कबीर जी के इस दोहे में उन्होंने यह बात कही है कि जीवन, जवानी और राज-मद इन तीनों से कोई भी स्थिर नहीं रहता। जीवन का अंत तो सभी को एक दिन आना है, जवानी भी स्थायी नहीं है, और राज-मद भी एक दिन छूट जाता है अतः हरी के नाम का सुमिरन ही मुक्ति का आधार है.
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