जीवन जोबन राज मद अविचल रहै न कोय हिंदी मीनिंग

जीवन जोबन राज मद अविचल रहै न कोय हिंदी मीनिंग Jivan Joban Raj Mad Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

जीवन जोबन राज मद, अविचल रहै न कोय |
जु दिन जाय सत्संग में, जीवन का फल सोय ||
 
जीवन जोवत राज मद अविचल रहै न कोय हिंदी मीनिंग Jivan Jovat Ram Mad Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

मानव जीवन, जवानी तथा राज्य का भेद कोई भी स्थाई नहीं होते हैं, सदा के लिए नहीं होते हैं। एक रोज ये समाप्त हो जाने हैं। जिस दिवस हम सत्संग में जाते हैं वही जीवन सफल है। अतः मानव जीवन का औचित्य इसी में है की हम नित्य हरी के नाम का सुमिरन करें, संतजन के सानिध्य में रहें।  कबीर जी के इस दोहे में उन्होंने यह बात कही है कि जीवन, जवानी और राज-मद इन तीनों से कोई भी स्थिर नहीं रहता। जीवन का अंत तो सभी को एक दिन आना है, जवानी भी स्थायी नहीं है, और राज-मद भी एक दिन छूट जाता है अतः हरी के नाम का सुमिरन ही मुक्ति का आधार है.

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

+

एक टिप्पणी भेजें