जिहिं हिरदे हरि आइया सो क्यूं छानां होइ मीनिंग Jihi Hirade Hari Aaiya Meaning

जिहिं हिरदे हरि आइया सो क्यूं छानां होइ मीनिंग Jihi Hirade Hari Aaiya Meaning : Kabir Ke dohe Hindi Arth / Bhavarth

जिहिं हिरदे हरि आइया, सो क्यूं छानां होइ ।
जतन-जतन करि दाबिये, तऊ उजाला सोइ ॥
 
Jihi Hirade Hari Aaiya, So Kyo Chhana Hoi,
Jatan Jatan Kari Dabiye, Tau Ujala Soi.
 
जिहिं हिरदे हरि आइया सो क्यूं छानां होइ मीनिंग Jihi Hirade Hari Aaiya Meaning : Kabir Ke dohe Hindi Arth / Bhavarth
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

जिनके हृदय में ईश्वर का वास होता है वह किसी से छुप नहीं सकता है, वह स्वतः ही जाग्रत होकर प्रकट हो उठता है। यदि यत्न पूर्वक इसे रोका जाए तो भी वह उद्घाटित हो उठता है।  जिसके हृदय में हरी आकर वास करते हैं, उसे कैसे छिपाया जा सकता है। जैसे दीपक का उजाला कोशिश करने पर भी छिपाया नहीं जा सकता है, लाखों जतन के उपरान्त भी उसका उजाला सभी को दिख ही जाता है वैसे ही हृदय में ईश्वर का वास होने पर सभी को उसके विषय में बोध हो जाता है। हरी का वास व्यक्ति को दूसरों से पृथक कर देता है, उसके आचरण में मानवीय गुण आ जाते हैं।

The heart in which God resides cannot be hidden from anyone. It awakens and manifests itself. Even if it is tried hard to stop it, it manifests. The heart in which God resides, how can it be hidden? Just like the light of a lamp cannot be hidden even if one tries. Even after a lot of efforts, its light is visible to everyone. Similarly, when God resides in the heart, everyone becomes aware of Him. The presence of God makes a person different from others. Human qualities come into his conduct.

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