काम मिलावे राम कूं जे कोई जाणै राखि मीनिंग Kam Milave Ram Ku Meaning

काम मिलावे राम कूं जे कोई जाणै राखि मीनिंग Kam Milave Ram Ku Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/ Bhavarth

काम मिलावे राम कूं, जे कोई जाणै राखि।
कबीर बिचारा क्या कहै, जाकी सुखदेव बोलै साखि॥

Kam Milave Ram Ku, Je Koi Jane Rakhi,
Kabir Bichara Kya Kahe, Jaki Sukhdev Bole Sakhi.

काम मिलावे राम कूं जे कोई जाणै राखि मीनिंग Kam Milave Ram Ku Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/ Bhavarth

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

काम क्रोध और विषय वासनाओं को प्रायः भक्ति में बाधक बताया गया है। लेकिन इस दोहे में कबीर साहेब सन्देश देते हैं की काम ही राम से मुलाक़ात करवा भी सकता है। यदि काम को नियंत्रण में रखा जाय तो काम भी भक्ति में बाधक नहीं होता है। इस बात की साक्षी/हामी कबीर ही नहीं अपितु शुकदेव मुनि जी भी भर रहे हैं।

In this couplet, Kabir Sahib delivers the message that desires can indeed facilitate a meeting with the Divine. If desires are kept under control, they do not hinder devotion. Kabir Sahib himself, along with Sage Shukadeva, serves as a witness to this fact.


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