राम बियोगी तन बिकल ताहि न चीन्हे कोइ हिंदी मीनिंग

राम बियोगी तन बिकल ताहि न चीन्हे कोइ हिंदी मीनिंग Ram Biyogi Tan Bikal Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

राम बियोगी तन बिकल, ताहि न चीन्हे कोइ।
तंबोली के पान ज्यूं , दिन-दिन पीला होइ॥
 
Ram Biyogi Tan Bikal, Tahi Na Chinhe Koi,
Tamboli Ke Pan Jyu Din Din Peela Hoi.
 
राम बियोगी तन बिकल ताहि न चीन्हे कोइ हिंदी मीनिंग Ram Biyogi Tan Bikal Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर साहेब इस दोहे में सन्देश देते हैं की राम का वियोग कैसा होता है, किस प्रकार का होता है। वह विरह में व्यथित रहता है जिसे सामान्य रूप से कोई भी देखकर पहचान नहीं पाता है। तम्बोली के पान की तरह, बिना सींचे, दिन-दिन वह पीला पड़ता जाता है, कमजोर हो जाता है। 

In this couplet, Kabir Sahib conveys the message of what it feels like to be separated from the Divine. The pain of separation is such that it is not easily recognizable by anyone. Like the betel leaf without moisture, day by day, it turns pale and weakens without being watered.

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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