ते दिन गए अकारथ ही संगत भई न संग हिंदी मीनिंग Te Din Gaye Akarath Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
ते दिन गए अकारथ ही, संगत भई न संग।
प्रेम बिना पशु जीवन, भक्ति बिना भगवंत।
Te Din Gaye Akarath Hi, Sangat Bhai Na Sang,
Prem Bina Pashu Jivan, Bhakti Bina Bhagwant. कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
जीवन का अमूल्य समय (जवानी) को तुमने अकारण ही व्यर्थ में गँवा दिया है। तुमने कभी भी नेक व्यक्तियों की संगति को नहीं किया है। प्रेम और भक्ति के अभाव में व्यक्ति पशु के समान होता है। उल्लेखनीय है की भक्ति करने वाले ब्यक्ति के हृदय में ही ईश्वर का वास होता है। कबीर दास जी का यह दोहा हमें यह बताता है कि अगर हमने अपने जीवन में अच्छे लोगों की संगति नहीं की और कोई अच्छा काम नहीं किया तो हमारा जीवन व्यर्थ गया। प्रेम और भक्ति के बिना इंसान पशु के समान है और भक्ति करने वाले इंसान के ह्रदय में भगवान का वास होता है।आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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