घुंघटीये की ओट में श्याम भजन
घुंघटीये की ओट में श्याम भजन
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने,
सांवरियो देवेगो दर्शन,
सांवरियो देवेगो दर्शन,
घूंघटिये की ओट में,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
मन की आंख्या खोल बावरी,
तन की आंख्या मीच ले,
मनड़े री फुलवारी ने तू,
भाव भजन से सींच ले,
रोज दीखेगो तने सांवरो,
रोज दीखेगो तने सांवरो,
भीतर जगती ज्योत में,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
गिगलिये के रूप में बाबो,
गोद में थारी खेले है,
बाल रूप की सेवा कर ले,
इत~उत काहे डोले है,
या सुख जिसने मिल्यो बावली,
या सुख जिसने मिल्यो बावली,
किस्मत वालो बहुत है,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
रहणो पड़सी सासरिये,
पीहर की याद सतावेगी,
मने भरोसो सिख बाबुल की,
तू ना कदे बिसरावेगी,
भाव को मरहम सदा लगाऊं,
भाव को मरहम सदा लगाऊं,
थारी इक~इक चोट पे,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
भोला भगत ने सेवा देवूं,
दोड़्योदोड़्यो जाऊं जी,
जो कुछ मिल जाए रूखासूखा,
रुच~रुच भोग लगाऊं जी,
मैं तो रिझूं तुरत ही रोमी,
मैं तो रिझूं तुरत ही रोमी,
धन्ना भगत की रोट पे,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने,
सांवरियो देवेगो दर्शन,
सांवरियो देवेगो दर्शन,
घूंघटिये की ओट में,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
मनड़े री तू खोट ने,
सांवरियो देवेगो दर्शन,
सांवरियो देवेगो दर्शन,
घूंघटिये की ओट में,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
मन की आंख्या खोल बावरी,
तन की आंख्या मीच ले,
मनड़े री फुलवारी ने तू,
भाव भजन से सींच ले,
रोज दीखेगो तने सांवरो,
रोज दीखेगो तने सांवरो,
भीतर जगती ज्योत में,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
गिगलिये के रूप में बाबो,
गोद में थारी खेले है,
बाल रूप की सेवा कर ले,
इत~उत काहे डोले है,
या सुख जिसने मिल्यो बावली,
या सुख जिसने मिल्यो बावली,
किस्मत वालो बहुत है,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
रहणो पड़सी सासरिये,
पीहर की याद सतावेगी,
मने भरोसो सिख बाबुल की,
तू ना कदे बिसरावेगी,
भाव को मरहम सदा लगाऊं,
भाव को मरहम सदा लगाऊं,
थारी इक~इक चोट पे,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
भोला भगत ने सेवा देवूं,
दोड़्योदोड़्यो जाऊं जी,
जो कुछ मिल जाए रूखासूखा,
रुच~रुच भोग लगाऊं जी,
मैं तो रिझूं तुरत ही रोमी,
मैं तो रिझूं तुरत ही रोमी,
धन्ना भगत की रोट पे,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने,
सांवरियो देवेगो दर्शन,
सांवरियो देवेगो दर्शन,
घूंघटिये की ओट में,
श्याम सुमर के मेट बावली,
मनड़े री तू खोट ने।।
एकादशी स्पेशल भजन - घुंघटीये की ओट में - Sardar Romi Ji - Ghunghatiye ki Oat Me - New Bhajan 2023
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Author - Saroj Jangir
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